गाजियाबाद नगर निगम बन रहा अनजान: जनता है परेशान

श्यामल मुखर्जी/दिनेश शर्मा,गाजियाबाद। पूरे गाजियाबाद शहर में दुकानदारों द्वारा दुकान के आगे सामान लगाकर अतिक्रमण करने की भरमार है। खुद नगर निगम कार्यालयों (नवयुग मार्केट,टाउन हॉल घंटाघर, कवि नगर, विजय नगर,मोहन नगर, वसुंधरा आदि अन्य समस्त ) की नाक के नीचे बेहिसाब अतिक्रमण किया गया है। गाजियाबाद शहर का कोई सा भी स्थान ऐसा नहीं होगा जहां पर दुकानदारों ने दुकान से दुगुना तीनगुना आगे जाकर सामान ना रखा हो। ऐसा संभव ही नहीं दिखता है लेकिन गाजियाबाद नगर निगम इससे अनजान व नादान बनता दिख रहा है। स्थानीय निवासी द्वारा ट्विटर पर,आवेदन पत्र देकर,नगर निगम हेल्पलाइन पर,स्वयं मिलकर,जनसुनवाई पोर्टल पर,आईजीआरएस के माध्यम से,धरना प्रदर्शन करके हर संभव प्रयास किए गए कि नगर निगम उनकी समस्याओं पर ध्यान दें लेकिन नगर निगम देख कर भी जानबूझकर अनजान बना हुआ। शहर के केंद्र में स्थित चारों गेटो (जवाहर गेट,दिल्ली गेट ,सिहानी गेट,डासना गेट) के अंदर का अतिक्रमण तो सर्वविदित है ही। गाजियाबाद की पाश कॉलोनी राज नगर जहां पर जिलाधिकारी,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक,उपाध्यक्षा गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, सहित जिले के तमाम बड़े प्रशासनिक अधिकारी,नेता गण,समाजसेवी, पर्यावरणविद,आरटीआई,एक्टिविस्ट निवास करते हैं लेकिन फिर भी सेक्टर-10 की मार्केट इसका ज्वलंत उदाहरण है कि किस प्रकार दुकानदारों ने आवासीय मकानों में व्यवसायिक कार्य करते हुए दुकान से बाहर अतिक्रमण किया हुआ है और आश्चर्य की बात यह है कि यह लोग खुद व इनके के परिवार के लोग इन दुकानों से सामान खरीदने आते हैं तब भी यह अतिक्रमण इन जिम्मेदार व वरिष्ठ लोगों को नहीं दिखता है साथ ही राज नगर क्षेत्र के पार्षद भी बहुत सक्रिय रहते है लेकिन वह भी इस अतिक्रमण की समस्या को नहीं सुलझा पा रहे हैं। गाजियाबाद में केंद्र में स्थित नयागंज के दोनों गेटो के बीच का अतिक्रमण तो जगजाहिर है ही कि शहर के धनाढ्य व राजनीतिक पहुंच रखने वाले निवासियों द्वारा किस प्रकार सार्वजनिक भूमि का अतिक्रमण कर अपने प्रयोग में लिया जा रहा है। न्यू आर्य नगर चौक से रोहन मोटर तक के अतिक्रमण का तो यह हाल है कि दुकानदारों व स्कूल संचालकों ने स्कूल,दुकान और कार्यालय से 4 गुना आगे तक की सडक़ अपने भारी भारी सामान व स्थाई निर्माण करके हथिया ली गई है। नगर निगम गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की जिम्मेदारी कहकर अपना पल्ला झाड़ लेता है । गाजियाबाद विकास प्राधिकरण नगर निगम की जिम्मेदारी कहकर अपना पल्ला झाड़ लेता है। पैदल यात्रियों का चलना तक भी दूभर हो गया है। आए दिन पैदल यात्रियों की आपस में टकराने,वाहनों से टकराने के कारण झगड़े होते रहते हैं लेकिन ना तो गाजियाबाद नगर निगम,गाजियाबाद विकास प्राधिकरण,उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद और ना ही पुलिस प्रशासन का इस तरफ तनिक भी ध्यान है। अभी तक एक नजर में माने तो नवनियुक्त नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तवंर ईमानदार प्रयास कर रहे हैं लेकिन उनको उनके अधीनस्थ अधिकारियों/ कर्मचारियों के द्वारा भी ईमानदार,कर्तव्यनिष्ठा,लग्न,उत्साह के साथ सहयोग करना चाहिए तभी उनकी योजनाओं को परवान चढऩे में मदद मिल सकेगी। नगर आयुक्त को भी अपने अधीनस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों पर पैनी नजर रखते हुए लगाम कसनी पड़ेगी साथ ही जिलाधिकारी महोदय को भी इस पर विशेष ध्यान देकर अभियान चलाना होगा तभी शहर का इन्फ्राट्रक्चर स्वस्थ हो सकेगा।