शमशान घाट पर चल रही है वेटिंग

श्यामल मुखर्जी/दिनेश शर्मा,गाजियाबाद। शालीमार गार्डन साझा प्रयास संस्था के संयोजक जुगल किशोर ने बताया कि शमशान घाट में दाह संस्कार के लिए लोगों को दिक्कत हो रही है। यहां वेटिंग चल रही है। कई बार हिंडन शमशान घाट संस्था के लोग शव वापस भेजने के लिए भी मजबूर कर रहे हैं । संस्था ने इस पर रोक लगाने के लिए डीएम को ट्वीट कर शिकायत भी दर्ज कराई है।
श्री धार्मिक रामचंद्र सीता देवी हरनंदी सेवा संस्था के प्रवक्ता ने बताया कि दिल्ली में रहने वाले कुछ लोग गाजियाबाद में रिश्तेदार का पता बताकर दाह संस्कार के लिए पहुंच रहे हैं। हिंडन पर श्मशान घाट और विद्युत शवदाह गृह में दाह संस्कार किया जाता है। पिछले दिनों पांच से छह मामले ऐसे आ चुके हैं। ऐसे लोगों को पता चलते ही उन्हें लौटाया जा रहा है।
रिकॉर्ड के अनुसार 11 नवंबर को 20, 12 नवंबर को 22, 13 नवंबर को 23, 14 नवंबर को 25, 15 नवंबर को 26, 16 नवंबर को 28, 17 नवंबर को 30, 18 नवंबर को 33, 19 नवंबर को 34, 20 नवंबर को 40 दाह संस्कार हो चुके हैं जबकि पिछले वर्ष 2019 में 11 नवंबर को 15, 12 नवंबर को 9, 13 नवंबर को 8, 14 नवंबर को 18, 15 नवंबर को 12, 16 नवंबर को 9, 17 नवंबर को 13, 18 नवंबर को 12, 19 नवंबर को 8, 20 नवंबर को 14 दाह संस्कार हुए थे। इस प्रकार पिछले वर्ष 2019 में कुल (118) व वर्तमान चल रहे 2020 में कुल (281) 11 नवंबर से 20 नवंबर के बीच दाह संस्कार हुए हैं । पिछले 10 दिनों में पिछले वर्ष की तुलना में (163) दाह संस्कार अधिक हुए हैं। यह सूचना हिंडन शमशान घाट संस्था के रजिस्टर से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर है। इस संबंध में डीएम गाजियाबाद डॉ अजय शंकर पांडे का कहना है कि इस बारे में नगर आयुक्त से बात हुई है । जानकारी मिली है कि शवदाह गृह के कुछ प्लेटफार्म टूट गए हैं। इनकी मरम्मत होने के कारण असुविधा हुई है। इस बीच निगम अधिकारी छठ पूजा की तैयारी में व्यस्त थे । अब जल्दी व्यवस्था सुधारी जाएगी। जिले में कोरोना के मौत के मामले बहुत अधिक नहीं है।
श्री धार्मिक रामचंद्र सीता देवी हरनंदी सेवा संस्था के आचार्य मनीष शर्मा के अनुसार कुछ दिन से दाह संस्कार के लिए शव अधिक आ रहे हैं । कोविड-19 गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए सभी का संस्कार कराया जा रहा है। इससे भी समय कुछ अधिक लग रहा है। हिंडन घाट पर संसाधन निम्न प्रकार संयोजित किए गए हैं । यहां पर दाह संस्कार के लिए 42 प्लेटफार्म है। 8 पंडित क्रिया कर्म के लिए रहते हैं। दो सेवादार अन्य कार्यों में मदद के लिए रखे गए हैं। सात कर्मचारी यहां श्मशान घाट पर तैनात हैं।
शालीमार गार्डन में रहने वाले जेएस बेदी की पत्नी मनजीत कौर का गुरुवार को हार्टअटैक के कारण निधन हो गया। परिवार के सदस्य शव लेकर हिंडन शमशान घाट पहुंचे लेकिन यहां शव दाह के लिए एक भी प्लेटफार्म खाली ना होने पर उन्हें 8 घंटे इंतजार करना पड़ा। बेदी ने बताया कि वह सुबह श्मशान घाट पहुंचे थे लेकिन यहां सभी प्लेटफार्म पर दाह संस्कार होने से उनकी पत्नी का संस्कार शाम को हो पाया। इसी तरह विजयनगर से अपने भतीजे के संस्कार के लिए शुक्रवार को आए सुरेंद्र ने बताया कि सुबह 8:30 बजे पहुंचने के बावजूद शाम 4:00 बजे के बाद दाह संस्कार के लिए प्लेटफार्म मिला। इन परिवारों की तरह ही हिंडन घाट पर आने वाले लोगों को दाह संस्कार के लिए 8 से 10 घंटे इंतजार करना पड़ रहा है। पिछले साल की अपेक्षा यहां अधिक दाह संस्कार के लिए शव पहुंच रहे हैं। श्मशान घाट पर सीमित संसाधन होने के कारण लोगों को अपने पारिवारिक सदस्य का शव लेकर घंटों यहां बैठना पड़ रहा है। सुबह 9:00 बजे के बाद बढऩे वाली भीड़ से बचने के लिए कुछ लोग सुबह 6:00 बजे ही यहां पहुंचने लगे हैं। पिछले साल इन दिनों रोजाना 10 से 15 मृतकों के दाह संस्कार हो रहे थे। वहीं अब यह संख्या बढक़र 30 से 40 तक पहुंच गई है। इनमें से दो से तीन कोरोना संक्रमित के शव भी शामिल हैं। पंडित और अन्य स्टाफ की कमी से अंतिम संस्कार में देरी हो रही है। हिंडन घाट पर संस्कार के दौरान भारी भीड़ रहती है। ऐसे में कोरोना का खतरा है। संस्था सदस्यों का कहना है कि ज्यादा लोगों को आने के लिए मना किया जाता है पर कई लोग मानते नहीं है। कई लोग मास्क नहीं लगाते व दो गज दूरी का पालन भी नहीं करते हैं।