गाजियाबाद की मंजू को बहादुरी का सम्मान

गाजियाबाद। यह खबर बहुप्रतीक्षित थी। बाद पिछले वर्ष सितंबर महीने की है । गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में होमगार्ड के पद पर तैनात मंजू के लिए वह दिन भी और दिनों की तरह साधारण ही था । उनकी ड्यूटी उस दिन अतिक्रमण निरोधी सचल दस्ते के वाहन में थी । गंतव्य तक पहुंचने से पहले ही अचानक वाहन के चालक को दिल का दौरा पड़ा जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मृत्यु हो गई । बदहवासी के आलम में उस वक्त वाहन में सवार व्यक्तियों के समझ में कुछ नहीं आ रहा था के अनियंत्रित वाहन को कैसे नियंत्रण में लिया जाए । उसी वक्त मंजू ने अपनी सूझबूझ और हिम्मत से वेग से चलते हुए अनियं को नियंत्रित किया जिससे अंदर बैठे व्यक्तियों की जान बच गई और एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया । परंतु मंजू के इस सराहनीय कार्य को केंद्र तथा राज्य सरकार के किसी भी निकाय द्वारा अब तक कोई भी पहचान नहीं मिल पाई थी । हालांकि जीडीए उपाध्यक्षा कंचन वर्मा द्वारा मंजू को घटना के तुरंत बाद प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया था । यह हर्ष का विषय है कि लगभग 1 वर्ष के उपरांत मंजू को विगत 6 दिसंबर को लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में बुलवाकर महानिदेशक होमगार्ड उत्तर प्रदेश कमेंडेशन डिस्क प्रशस्ति पत्र से मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश द्वारा सम्मानित किया गया। इसके अलावा महानिदेशक होमगार्ड उत्तर प्रदेश द्वारा 5000 की सम्मान राशि भी मंजू को प्रदान की गई । मंजू की इस उपलब्धि पर जीडीए के अधिकारियों समेत कई स्थानीय संस्थानों ने उन्हें बधाई दी ।