बीफ के लिए तरसेगा गोवा: गोवंश अधिनियम का असर

डेस्क। कर्नाटक के नए गौ हत्या कानून से गोवा में बीफ सप्लाई का रास्ता बंद हो सकता है। गोवा के बीफ आपूर्ति मांस व्यापारियों और विक्रेताओं ने ऐसी आशंका जताई है। बता दें कर्नाटक विधानसभा में बुधवार को हंगामे के बीच गोवंश वध रोकथाम और मवेशी संरक्षण विधेयक 2020 को पारित कर दिया गया। इस बिल में गाय की तस्करी, अवैध ढुलाई, अत्याचार एवं गो-हत्या में लिप्त पाए जाने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। बता दें गोवा में हर दिन लगभग 20 टन गोमांस की खपत होती है। ज्यादातर पर्यटकों के अलावा 26त्न कैथोलिक और 11त्न मुस्लिम आबादी बीफ खाती है। गोमांस की आपूर्ति के मामले में गोवा कर्नाटक पर निर्भर है। गोवा के लोग उत्तर कर्नाटक के बेलगाम जिले से ताजा गोमांस लाते हैं। वहीं गोवा के एकमात्र अधिसूचित बूचडख़ाने में वध के लिए जीवित मवेशियों को यहीं लाया जाता है। जबकि, राज्य की मांग को पूरा करने के लिए स्थानीय रूप से उपलब्ध मवेशी पर्याप्त नहीं हैं। कुरैशी मीट ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मन्ना बेपारी गोवा में मांस व्यापार के भविष्य के बारे में चिंतित दिखे। वह कहते हैं,”नए कानून में न केवल मवेशियों के ट्रांसपोर्ट पर प्रतिबंध है बल्कि जेल का भी प्रावधान है। इससे हमारे पास गोवंश के लिए गोवा में जीवित मवेशियों को लाना असंभव हो जाएगा।