दिल्ली-यूपी बॉर्डर को किसानों ने किया पूरी तरह बंद

श्यामल मुखर्जी/दिनेश शर्मा, गाजियाबाद। भाजपा शासित केंद्र सरकार द्वारा पारित तीनों कृषि सुधार कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन दिल्ली उत्तर प्रदेश सीमा पर उग्र हो गया और किसानों ने दिल्ली से आने वाले मार्ग को पूरी तरह बंद कर दिया। किसान आंदोलन विगत एक माह से चल रहा है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबा राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार किसानों के प्रति बदनियति रखते हुए अपने अडिय़ल रवैए पर कायम है। ऐसे में किसानों का धैर्य धीरे-धीरे जवाब दे रहा है। भाजपा शासित राज्यों की सरकारें आंदोलन को दबाने के लिए बाहर से आने वाले किसानों को विभिन्न स्थानों पर रोक रही हैं। शनिवार की सुबह उत्तराखंड से उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश कर रहे किसानों को पुलिस ने रोकने का प्रयास किया। बाबा राकेश टिकैत ने एक सवाल के जवाब में कहा कि “मैं केंद्र सरकार के उन नेताओं के मास्टरों से मिलना चाहता हूं जिन्होंने उन्हें पाठ पढ़ाया है कि खेती किसानी मुनाफे का काम है।” उन्होंने कहा कि किसान का बेटा भी शहर में रहना चाहता है और उसे भी सुविधा चाहिए। किसान के परिवारों के लोग भी दिल्ली एनसीआर में सभी सुख-सुविधाओं के साथ रहना चाहते हैं तो अब यही सही। लॉकडाउन लगा तो भी आंदोलन नहीं रुकेगा। किसान नेता बाबा राकेश टिकैत ने कहा कि उन्हें कई माध्यमों से सूचनाएं मिली है कि सरकार किसान आंदोलन को कुचलने की बुरी मंशा से दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में लॉकडाउन लगाने पर विचार कर रही है। इसके लिए कोरोना के मामलों को बढ़ा चढ़ाकर बताया जा रहा है। देश में फिर से कोरोना को लेकर भय का माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इन सब बातों से किसानों पर किसी प्रकार का कोई असर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि फिर लॉक डाउन का मतलब होता है जो जहां है वहीं रुक जाए हम भी इस बात का पालन करेंगे और सीमा क्षेत्र पर ही डटे रहेंगे तथा यहां उपस्थित किसान सरकार की दमनकारी व किसान विरोधी मंशा पर पानी फिराते हुए सरकार की दुर्भावनापूर्ण मंशा को कामयाब नहीं होने देंगे ।