यूपी की जेलों में कम होगी ओवर क्राउंडिग

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लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को प्रदेश के कारागारों में ओवर क्राउडिंग कम किए जाने के निमित्त विचाराधीन बंदियों को दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-436ए तथा 436(1) का लाभ प्रदान किए जाने एवं विचाराधीन बंदियों की रिमाण्ड वीडियो कॉन्फ्रसिंग के माध्यम से किए जाने के संबंध में एक पत्र के माध्यम से अद्यतन स्थिति से अवगत कराया है।
इस सम्बन्ध में केन्द्रीय गृह मंत्री को भेजे गए अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने अवगत कराया कि एनआईसी द्वारा संरचित ई-प्रिजन सॉटवेयर को उप्र के कारागारों में ई-प्रिजन उत्तर प्रदेश के नाम से क्रियान्वित किए जाने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा 429.78 लाख रुपए की कार्य योजना स्वीकृत की गयी है तथा एनआईसी के सहयोग से इस कार्य योजना को प्रारंभ कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सॉटवेयर में प्रिजनर्स मैनेजमेंट सिस्टम (पीएमएस) एप्लीकेशन मॉड्यूल में धारा-436ए तथा 436(1) से आच्छादित बंदियों की सूचना फीड किए जाने का भी प्राविधान किया गया है। इस एप्लीकेशन मॉड्यूल में कारागारों में निरुद्ध बंदियों की सूचनाएं फीड हो जाने के पश्चात इसके ऑनलाइन स्वरूप में इसे किसी भी स्तर पर देखा जा सकेगा।
श्री यादव ने बताया कि इसके अतिरिक्त, प्रत्येक माह धारा-436ए तथा 436(1) से आच्छादित बंदियों की सूचना एकत्रित कर जनपद के सीजेएम को प्रस्तुत की जाती है। वर्ष-2014 में प्रदेश के कारागारों में धारा-436ए से आच्छादित पात्र कुल 3922 बंदियों में से 804 बंदियों को रिहाई का लाभ प्राप्त हुआ। इसी प्रकार धारा 436(1) से आच्छादित पात्र कुल 23,289 बंदियों में से 19,702 बंदियों को रिहाई का लाभ प्राप्त हुआ। मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश की 9 कारागारों में स्थापित वीडियो कान्फ्रेन्सिंग इकाइयों के माध्यम से विचाराधीन बंदियों की रिमाण्ड कराई जा रही है। इसके साथ ही 25 कारागारों में ब्रॉड बैण्ड आधारित प्रक्रिया से भी बंदियों की रिमाण्ड हो रही है जिसके फलस्वरूप अभी तक पांच लाख से अधिक बंदियों की रिमाण्ड वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से करायी जा चुकी है।