सारा कांड: सीबीआई की सुस्त चाल और जानलेवा हमला भी

sara singh
योगेश श्रीवास्तव
लखनऊ। नौ जुलाई को फिरोजाबाद जिले में पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि त्रिपाठी की 24 वर्षीय पत्नी सारा की सड़क हादसे में संदिग्ध हालात में हुई मौत का रहस्य बरकरार है। इधर देररात ताजा घटनाक्रम में सारा सिंह के भाई हर्ष पर दिल्ली में जानलेवा हुआ जिसकी एफआईआर दर्ज करा दी गयी है।
सीबीआई जांच की सिफारिश होने के बाद से पुलिस ने अपनी जांच की रफ्तार को धीमा कर दिया है। हालांकि की घटना के बाद से अब तक पुलिस की जांच रही उसमें कई ऐसे सवाल हैं जो उसके लिए अभी भी अबूझ पहेली बने हैं। सारा कांड की सीबीआई जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा 24 जुलाई को केन्द्र को संस्तुति भेजी जा चुकी है, लेकिन अभी तक कोई जवाब न मिलने पर सारा के परिजन खासे चिंतित हैं। वहीं सारा ने मौत से पहले 1090 पर कॉल कर पुलिस को आगाह किया था कि उसका पति कभी भी उसके साथ किसी अनहोनी को अंजाम दे सकता है। क्यों कि अमनमणि आये दिन बेरहमी से पीटता है। घरवाले सारा की मौत के पहले और अब भी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहे है उनकी माने तो यदि पुलिस समय रहते कार्रवाई करती तो शायद उनकी बेटी को बचाया जा सकता था। सारा की हत्या के बाद पुलिस की जो प्रारंभिक जांच रही है वह कछुआ गति वाली ही रही है। इससे हताश होकर उसकी मां सीमा सिंह ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव,राज्यपाल रामनाईक सहित गृह और पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों के यहां इंसाफ की गुहार लगाई। हालांकि उनकी गुहार का असर इतना जरूर हुआ कि राज्य सरकार की ओर से सारा की मौत की सीबीआई जांच की सिफारिश केन्द्र को जरूर भेज दी गई लेकिन अभी इस मामले में सीबीआई की स्वीकारोक्ति न होने से उसके परिजनों में हताशा और निराशा है। प्रारंभिक जांच में पुलिस ने इस मामले में जांच के नाम पर पुलिस सारा की मां सीमा सिंह से वहीं सवाल पूछती रही जिसके जवाब वह स्वयं ढूंढ रही है। सीबीआई जांच की सिफारिश होने के बाद पुलिस के आलाअफसरों को इस बात को लेकर बहुत इत्मीनान है है कि अब जो करना है वह सीबीआई को ही करना है। पुलिस जांच की धीमी रफ्तार को देखते हुए ही सारा की मां सीमा सिंह ने स्वयं मोर्चा संभालते हुए राज्यपाल और मुख्यमंत्री से लेकर पुलिस और गृह विभाग के उच्चाधिकारियों के यहां दस्तक देकर पुलिस की जांच सही न होने की आशंका व्यक्त कर दी थी।