तांत्रिक क्रियाओं का गढ़ है फ्राग टेंपल

पर्यटन डेस्क। देश में अगर मंदिरों की बात करें तो शायद ही कोई देवी देवता अछूता होगा जिसके नाम पर मंदिर न बना हो। देश में करोड़ों की संख्या में मंदिर हैं मगर आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में किसी देवी या देवता का नहीं बल्कि मेंढक का मंदिर बना है। और खास बात यह है कि इस मंदिर को बने एक शताब्दी से ज्यादा हो चुका है। मंदिर को तंत्र-मंत्र क्रिया करने के लिए जाना जाता है।
मालूम हो कि यह मेंढक मंदिर लखीमपुर खीरी जिले के ओयल कस्बे में मौजूद है। लखीमपुर-सीतापुर मार्ग से करीब 12 किलोमीटर दूर इस मंदिर के बारे में जानकार बताते हैं कि इसको यहां के राजा ने वर्ष 1860-70 के बीच बनवाया था। भगवान भोलेनाथ को समर्पित इस मंदिर में एक शिवलिंग की भी स्थापना हुई है। इस शिवलिंग के बारे में कहा जाता है कि इसको नर्मदा कुंड से लाया गया है। मंदिर का मुख्यदार पूरब की दिशा में है जबकि अन्य द्वार दक्षिण दिशा में खुलता है। माना जाता है कि इस मंदिर में तंत्र क्रिया करने से सिद्धियां प्राप्त हो जाती हैं और मेंढक को इन सिद्धियां का कारक माना जाता है। आपको बता दें कि चीन में भी मेंढक का काफी महत्व माना जाता है। चीन की मार्शल आर्ट विधा में फ्राग स्टाइल का कुंगफू सिखाया भी जाता है। बहरहाल शायद देश में मेंढक का मंदिर इकलौता और आज भी कई रहस्यों को अपने में समेटे हैं।