पीएम मोदी बोले: कंटेंट और इंटेंट पर चर्चा करते तो अच्छा रहता

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दे रहे हैं। इससे पहले उन्होंने राज्यसभा में जवाब दिया था। इस दौरान पीएम मोदी ने कृषि कानून, किसान आंदोलन और बजट सहित अन्य मामलों पर सरकार का पक्ष सदन के पटल पर रखा था। कृषि कानूनों को लेकर कृषि मंत्री लगातार किसानों से चर्चा कर रहे हैं। अगर किसी बदलाव की आवश्यक्ता महसूस होती है तो उसे बदला जा सकता है। कृषि कानून के रंग पर तो कांग्रेस के साथ बहुत बहस कर रहे थे, लेकिन अच्छा होता उसके कंटेंट और इंटेंट पर चर्चा करते। कोरोना कालखंड में भी हमने रिफॉर्म का सिलसिला जारी रखा। हमने कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए। इसका परिणाम है कि आज ट्रैक्टर हो, गाडिय़ां हो, रिकॉर्ड सेल हो रहा है। जीएसटी का रिकॉर्ड कलेक्शन हुआ है। दुनिया के लोगों ने अनुमान लगाया है कि करीब-करीब डबल डिजिट ग्रोथ जरूर होगा। दुनिया के बहुत सारे देश कोरोना, लॉकडाउन, कफ्र्यू के कारण चाहते हुए भी अपने खजाने में पाउंड और डॉलर होने के बाद भी अपने लोगों तक नहीं पहुंचा पाए। लेकिन ये हिंदुस्तान है जो इस कोरोना कालखंड में भी करीब 75 करोड़ से अधिक भारतीयों को 8 महीने तक राशन पहुंचा सकता है। जो आधार, जो मोबाइल, जो जनधन कोरोना काल में लोगों की मदद करने में काम आया उसको रोकने के लिए कौन-कौन कोर्ट गए थे। ये हिन्दुस्तान है जो लगभग 75 करोड़ भारतीयों को कोरोना काल के दौरान 8 महीने तक राशन पहुंचा सकता है। जिस मरीज के पास कोई नहीं जा सकता था, वहां हमारा सफाईकर्मी जाता था। वह भगवान के रूप में था। एम्बुलेंस का ड्राइवर भगवान के रूप में आया था। डॉक्टर और नर्स रूपी भगवान ने दुनिया को इस महामारी से बचाया। पीएम मोदी ने मनीष तिवारी के बयान पर पटलवार करते हुए यह बात की। कोरोना काल में भारत में भय बनाने की कोशिश की गई। दुनिया के बड़े-बड़े देश इस महामारी के सामने घुटने टेक चुके थे। लेकिन 130 करोड़ हिन्दुस्तानियों के आचरण ने इसे बचाया। हमारे लिए आवश्यक है कि हम आत्मनिर्भर भारत के विचार को बल दें। ये किसी शासन व्यवस्था या किसी राजनेता का विचार नहीं है। आज हिंदुस्तान के हर कोने में वोकल फ़ॉर लोकल सुनाई दे रहा है। ये आत्मगौरव का भाव आत्मनिर्भर भारत के लिए बहुत काम आ रहा है।