नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति की आज तीसरी समीक्षा में आरबीआई ने आरबीआई ने नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखा है। आरबीआई ने रेपो दर को 7.25 प्रतिशत और नकदी आरक्षित अनुपात (सीआरआर) चार प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा। हालांकि बैंक पर दरों में, कटौती का दबाव बढ़ रहा था लेकिन कुछ विशेषज्ञोंं की यह भी मानना था कि खुदरा मुद्रास्फीति के चलते बैंक ऐसा न करें।
आरबीआई ने कहा कि आर्थिक स्थिति में सुधार की प्रक्रिया जारी है लेकिन खाद्य और ईंधन को छोड़, अन्य क्षेत्रों में मुद्रास्फीति का बढऩा सबसे चिंताजनक है। साथ ही बैंक ने वर्ष 2015-16 में 7.6 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान बरकरार रखा है। आरबीआई न कहा कि बैंकों ने जनवरी से अब तक कर्ज पर ब्याज दरों में 0.3 प्रतिशत की कमी की है जबकि इसी दौरान नीतिगत ब्याज दर में 0.75 प्रतिशत की कटौती की गई है। वहीं सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सरकारी पूंजी आने से ऋण का कारोबार बढ़ेगा और ब्याज दरों में कटौती का सिलसिला आगे बढेगा साथ ही नकदी की स्थिति बेहतर होगी