बजट सत्र में सरकार को घेरने की तैयारी

लखनऊ। विधानमंडल के बजट सत्र में सत्ता पक्ष जहां राज्यपाल के अभिभाषण व बजट के जरिए अपनी सरकार की उपलब्धियां बताएगा। वहीं विपक्ष सदन के भीतर व बाहर सरकार को घेरने के लिए तैयारी कर रहा है। किसान आंदोलन व कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर कांग्रेस व सपा खासतौर पर मुखर हैं। गन्ना के परामर्शी मूल्य इस साल भी न बढ़ाये जाने से विपक्षी दलों को सरकार को घेरने का बड़ा मुद्दा मिल गया है। सत्ता पक्ष भी विपक्ष के मुद्दों का माकूल जवाब देने के लिए तैयारी कर रहा है। मंत्री व भाजपा विधायकों से सदन में तैयारी से आने को कहा गया है। कोरोना संकट के चलते इस बार का बजट सत्र भी अलग होगा। बजट सत्र का आगाज 18 फरवरी को सुबह 11 बजे राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के अभिभाषण से होगा। वह गुरुवार को विधानसभा मंडप में दोनों सदनों के सदस्यों के समक्ष अपना अभिभाषण देंगी। कोरोना संकट के कारण सदस्य सोशल डिस्टेंसिंग के तहत दूर-दूर बैठेंगे। इसके लिए दर्शक दीर्घा में भी उनके लिए खास व्यवस्था की गई है। ऐसे में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष दलों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ विरोध जता पाना खासा मुश्किल होगा। वेल में आना भी उनके लिए कोरोना संक्रमण के लिहाज से कठिन होगा। सपा, बसपा व कांग्रेस ने बुधवार को अपने-अपने विधानमंडल दल की बैठक बुलाई है। इसमें वह सदन में विरोध के स्वरूप तय किया जाएगा। उधर सत्ताधारी भाजपा विधानमंडल दल की बैठक भी बुधवार को होगी। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खास तौर पर शामिल होंगे।