प्रशासन/नगर निगम के दावे थोथे : हो रहा अवैध जल दोहन/अतिक्रमण,फैला रहे प्रदूषण

गाजियाबाद। महिंद्रा एनक्लेव ए ब्लॉक शिव मंदिर वाली गली में सडक़ पर ही बिल्डिंग मटेरियल विक्रेताओं द्वारा सडक़ घेरकर बिल्डिंग मटेरियल रखा गया है जिस कारण कॉलोनी वासियों का आवागमन भी दूभर हो गया है। बिल्डिंग मटेरियल विक्रेता द्वारा रोजाना पानी के टैंकर व ट्रैक्टर खड़े किए जाते हैं क्योंकि उक्त बिल्डिंग मटेरियल विक्रेता का अवैध जल दोहन का काम भी प्रशासन के आशीर्वाद से बदस्तूर सुचारु रुप से चालू है। कॉलोनी वासियों का कहना है कि जिलाधिकारी कार्यालय में लगे हुए ब्लैक बॉक्स में चार बार आवेदन कर चुके हैं लेकिन आज तक प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी है। मात्र दिखावे के लिए ब्लैक बॉक्स लगाने जैसी कार्रवाई शासन को दिखाने के लिए की जाती है। बिल्डिंग मटेरियल विक्रेता द्वारा किया गया अवैध कब्जा आज भी बरकरार है। कॉलोनी वासियों ने अंदेशा जताया है कि प्रशासन/नगर निगम भी इस अवैध जल दोहनकर्ता/अतिक्रमण कर्ता से मिले हुए हैं। जब ही अवैध जल दोहन का कार्य संभव है। यह तो मात्र एक नमूना है अवैध जल दोहन का। पूरे जिले गाजियाबाद में अवैध जल दोहन का कार्य बहुत बड़े पैमाने पर जल माफिया द्वारा किया जाता है। और यह सब बगैर प्रशासन की शह के संभव नहीं है। गाजियाबाद प्रशासन अतिक्रमण कर्ताओं व अवैध जल दोहन कर्ताओं के आगे बेबस है ऐसा नहीं है बल्कि अवैध जल दोहनकर्ता/अतिक्रमण कर्ता व प्रशासन में बैठे हुए अधिकारी/कर्मचारियों में दुरभि संधि होती है। बिना प्रशासन की शह के एक ठेली वाला भी सडक़ पर ठेली नहीं लगा सकता है तो अवैध जल दोहन का कार्य तो संभव ही नहीं है। संभावना है कि इन अवैध जल दोहन कर्ताओं के ऊपर शक्तिशाली व्यक्तियों की सरपरस्ती हो तभी प्रशासन कार्रवाई करने से हिचकिचा रहा होगा। कॉलोनी वासियों का कहना है कि अगर गाजियाबाद प्रशासन उनकी सूचना/ शिकायत पर कार्रवाई नहीं करता है तो मजबूर होकर मुख्यमंत्री को गाजियाबाद प्रशासन की लापरवाही से अवगत कराया जाएगा।