पंचायत चुनाव: आरक्षण नियमावली जारी, हुआ सीटों का आवंटन

लखनऊ। यूपी में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए पंचायतीराज विभाग ने राज्य की पंचायतों में स्थानों और पदों के आरक्षण और आवंटन के बारे में अधिसूचना जारी कर दी है। मंगलवार 16 मार्च को कैबिनेट ने हाईकोर्ट के 15 मार्च के आदेश का अनुपालन करते हुए पंचायतों में आरक्षण के लिए आधार वर्ष (बेस इयर) 1995 के बजाए 2015 को मानकर आरक्षण तय करने का निर्णय लिया था। कैबिनेट के इस निर्णय के आधार पर पंचायतीराज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने उ.प्र.पंचायती राज (स्थानों और पदों का आरक्षण और आवंटन) (बारहवां संशोधन) नियमावली 2021 की अधिसूचना जारी की है।
इस शासनादेश में कहा गया है कि 15 मार्च को हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में इस साल 11 फरवरी को पंचायतों की सीटों व पदों के आरक्षण व आवंटन के लिए जारी शासनादेश निरस्त कर नया शासनादेश जारी किया गया है। इसके अनुसार जिला पंचायत अध्यक्ष के 75, ब्लॉक प्रमुख के 826 और ग्राम प्रधान के 58194 पदों में आरक्षण की व्यवस्था की जाएगी। राज्य में जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख और ग्राम प्रधानों में एसटी, एससी और ओबीसी के लिए आरक्षित किये जाने वाले पदों की संख्या की गणना राज्य में उनकी जनसंख्या के अनुपात में की जाएगी। महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत, ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत, एसटी व एससी के लिए 23 प्रतिशत आरक्षण के हिसाब से पंचायतों में सीटें आरक्षित की जाएंगी।
किसके लिए कितनी सीटें आरक्षित
-जिला पंचायत अध्यक्ष-एसटी के लिए शून्य

  • एससी के लिए 16 (6 महिला एवं एससी अन्य)
  • ओबीसी के लिए 20 सीटें( महिला-7 एवं 13 अन्य ओबीसी)
  • आरक्षित, महिलाएं-12
  • सामान्य–27 सीटें आरक्षित।
    -ब्लाक प्रमुख-एसटी के लिए 5, एससी के लिए 17 और ओबीसी के लिए 223 सीटें आरक्षित।
    -ग्राम प्रधान-एसटी के लिए 330, एससी के लिए 120 45 और ओबीसी के लिए 5712 सीटें आरक्षित।
    जिला पंचायत अध्यक्ष सीटों के लिए नया आरक्षण
    अनुसूचित जाति महिला के लिए 06 जिले आरक्षित: शामली, बागपत, कौशांबी, लखनऊ, सीतापुर तथा हरदोई।
    अनुसूचित जाति के लिए 10 जिले आरक्षित: कानपुर, औरैया, चित्रकूट, महोबा, झांसी, जालौन, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, रायबरेली और मिर्जापुर।
    अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिए 07 जिले आरक्षित: बदायूं, संभल, एटा, कुशीनगर, बरेली, हापुड़ तथा वाराणसी।
    अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 13 जिले आरक्षित: आजमगढ़, बलिया, इटावा, फर्रुखाबाद, बांदा, ललितपुर, अंबेडकरनगर, पीलीभीत, बस्ती, संतकबीर नगर,चंदौली, सहारनपुर तथा मुजफ्फरनगर।
    12 जिले महिलाओं के लिए आरक्षित: बहराइच, प्रतापगढ़, जौनपुर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, आगरा, सुल्तानपुर, बुलंदशहर, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, बलरामपुर तथा अलीगढ़।
    27 जिले अनारक्षित (सामान्य): गोरखपुर, गोंडा, प्रयागराज, बिजनौर, उन्नाव, मेरठ, रामपुर, फतेहपुर, मथुरा, अयोध्या, देवरिया, महाराजगंज, अमेठी, श्रावस्ती, कानपुर देहात, अमरोहा, हाथरस, भदोही, गाजियाबाद, कन्नौज, मऊ, कासगंज, मैनपुरी, फिरोजाबाद, सोनभद्र, हमीरपुर और नोएडा।