मुख्य सचिव ने गोरखपुर के विकास कार्यों की समीक्षा

लखनऊ। मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने गोरखपुर के विकास कार्यों की परियोजनावार गहन समीक्षा की। उन्होंने 10 करोड़ रुपये से अधिक लागत के निर्माण कार्यों, स्वीकृति हेतु लम्बित नई परियोजनाओं, पूर्ण परियोजनाओं के संचालन हेतु आवश्यक मानव संसाधन, उपकरण, फर्नीचर आदि की उपलब्धता तथा उपयोगिता प्रमाण पत्र एवं धनराशि अवमुक्त करने की अद्यतन स्थिति एवं प्रगति की समीक्षा की।
अपने सम्बोधन में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि लम्बित परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया जाये। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि निर्माणाधीन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए यदि कोई धनराशि अवमुक्त की जानी है, तो उसे प्राथमिकता के आधार पर तत्काल उपलब्ध करायी जाये। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं से भी आवंटित धनराशि का उपभोग प्रमाण पत्र समय से उपलब्ध कराने को कहा ताकि अवशेष धनराशि शीघ्र अवमुक्त हो सके। उन्होंने नई परियोजनाओं की अविलम्ब स्वीकृति जारी करने तथा पूर्ण परियोजनाओं के संचालन के लिए आवश्यक मैनपॉवर, उपकरण, फर्नीचर आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये।
इससे पूर्व 10 करोड़ रुपये के अधिक लागत के निर्माण कार्यों की समीक्षा के दौरान बताया गया कि कम्हरिया घाट पर गोरखपुर अम्बेडकर नगर के मध्य बनने वाले पक्के पुल एवं एप्रोच निर्माण का 94.44 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है तथा इसमें 72.32 करोड़ की धनराशि व्यय की गयी है। चैरी चैरा-गौरी बाजार के मध्य सम्पार संख्या 145ई पर उपरिगामी सेतु निर्माण की भौतिक प्रगति 95.12 प्रतिशत एवं वित्तीय प्रगति 92.74 प्रतिशत है। पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर-भटनी सेक्शन के अन्तर्गत चैरी चैरा-सरदार नगर प्रोजेक्ट पूरा हो गया है। कसिहार-सेमरा मानिक चक सम्पर्क मार्ग पर राप्ती नदी हेतु चन्दा घाट प्रोजेक्ट का 77.27 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है। मलौनी बांध पर तरकुलानी रेगुलेटर के समीप पम्पिंग स्टेशन निर्माण का 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है। शाहपुर सोपाई तटबन्ध के सुरक्षा हेतु किमी 12.245 से 12.725 तक रिवेटमेन्ट एवं स्लोप पिचिंग का कार्य शत-प्रतिशत तथा किमी 11.425 से किमी 12.175 तक का 95 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है। नगर निगम कार्यालय भवन, बनकटा घाट पर सेतु पहुंच मार्ग, सिकरी गंज-बेलाघाट -लोहरैया-शंकरपुर-बघाड़ मार्ग के कम्हरिया घाट पर घाघरा नदी सेतु का निर्माण प्रगति पर है। इसके अतिरिक्त रामगढ़ताल के प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण का कार्य शत-प्रतिशत पूरा हो गया है।