मासूमों को लालच देकर निकालते थे खून

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विशेष संवाददाता
लखनऊ। राजधानी में एसपीजीआई हो या फिर मेडिकल कॉलेज यहां खून से लेकर धोखे से किडनी निकालकर मोटी रकम में बेचने का गोरखधंधा बहुत पहले से होता चला आ रहा है। अस्पताल के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिली भगत से जालसाज बेरोजगार या फिर जरूरतमंदों की मजबूरी का फायदा उठाकर उनका खून निकाल की मंहगे दामों में बेच देते हैं। ऐसे ही एक गिरोह का राजफाश कर चौक पुलिस ने शुक्रवार को चौक स्थित कोहली पैथालॉजी में छापेमारी कर वहां से पैथालॉजी संचालक द्वारा मासूम बच्चों को चंद रूपयों की लालच देकर उनका खून निकालने वाले संचालक वीके कोहली के अलावा पैथालॉजी में कार्यरत टेक्नीशियन सहित चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। जालसाज संचालक बच्चों का पांच सौ रूपये से लेकर 12 सौ रूपये खून की कीमत देकर उनकी जिंदगी से काफी दिनों से खिलवाड़ कर रहा था और अब तक करीब दर्जनों लोगों का खून निकालकर मोटी रकम में बेचकर डकार चुका है। खास बात यह है कि इस गोरखधंधे में संबधित विभाग के अफसर भी शामिल हैं,जो भंडाफोड़ होने के बाद पुलिस के सामने अपनी सफाई पेश करने में जुटे हुए हैं। इंस्पेक्टर चौक आईपी सिंह के मुताबिक देर शाम तक संबधित विभाग से कोई तहरीर नहीं मिली थी। उन्होंने बताया कि तहरीर मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जायेगी। पुलिस का दावा है कि हिरासत में लिए गये संचालक व तीनों कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है।
चौक इलाके में वीके कोहली की कोहली के नाम से पैथालॉजी है। इंस्पेक्टर आईपी सिंह के मुताबिक उन्हें काफी दिनों से सूचना मिल रही थी कि कोहली पैथालॉजी में खून का काला कारोबार किया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि इस सूचना पर शुक्रवार को पुलिस और की टीम ने उक्त पैथालॉजी में छापेमारी कि तो वहां पर मौजूद चार बच्चों का खून निकाला जा रहा था। यह देख पुलिस पैथालॉजी के मालिक वीके कोहली और टेक्नीशियन वीके भटनागर,संतराम व विजय को पकड़ कर हिरासत में ले लिया। पुलिस का कहना है कि यह एक संगठित गिरोह है जो नाबालिग बच्चों को बहला फुसलाकर उनका खून निकाल कर मंहगे दामों में बेचते हैं। बताया गया कि संचालक इसके बदले में बच्चों को 500 रूपये से लेकर 1200 रूपये खून की कीमत भी देता था। बाद में इसी खून को पैथालॉजी संचालक महंगे दामों में बेचकर अपनी झोली भरता था। एक जागरूक स्थानीय निवासी की शिकायत पर चौक पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने पैथोलॉजी सेंटर पर आज छापेमारी की। अचानक हुई छापेमारी में पैथालॉजी में भगदड़ मच गई और वहां मौजूद लोग भागना शुरू कर दिया। टीम ने भाग रहे तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएमओ लखनऊ ने 2 टीमें बनाकर जांच के आदेश दे दिए है। इंस्पेक्टर आईपी सिंह के मुताबिक देर शाम तक उन्हें कोई तहरीर नहीं मिली थी। उनका कहना है कि तहरीर मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
बहला-फुसला कर बच्चों की जिंदगी से करते थे खिलवाड़
पीडि़तों में अधिकतर नाबालिग बच्चे लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके के रहने वाले और उनकी माली हालत भी काफी दयनीय है। आरोपी इसी का फायदा उठाकर आर्थिक स्थिति से कमजोर बच्चों को टारगेट करते थे और जब बच्चा पूरी तरह से उनके बहकावे में आ जाते उसके बाद पैथालॉजी में उनका खून निकाल लिया जाता। इस काम के बदले में बच्चों को एक निश्चित रकम भी दी जाती है। बच्चों की मानें तो आरोपी पैथालॉजी संचालक बच्चों के नाम में भी खेल करता था। इतना ही नहीं संचालक और उसके गुर्गे बच्चों को डराते धमकाते थे कि किसी के पूछने पर वो स्वेछा से रक्तदान करने की बात कहे वर्ना उनके घर के सदस्यों को मार दिया जायेगा।