पंचायत चुनाव में विस 2021 का अक्स: बीजेपी-सपा की टक्कर

डेस्क। त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला हुआ है। वहीं बहुजन समाज पार्टी ने भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पूर्वांचल में अपना दम दिखाया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानों के आंदोलन से उपजे रोष के चलते रालोद ने भी अप्रत्याशित तौर पर बेहतर प्रदर्शन किया है। मंगलवार रात एक बजे तक आए नतीजों के अनुसार दावा है कि भाजपा ने जिला पंचायत सदस्य की 489 सीटें और सपा ने 660 सीटें जीती हैं। हालांकि सपा को मिली सीटें वर्ष 2015 में हुए पंचायत चुनावों के मुकाबले कम हैं।
पिछली बार सपा ने दावा किया था कि उसने 3121 सीटों में से 70 फीसदी यानी 2184 सीटों पर जीत दर्ज की है। इस तरह देखा जाए तो उसकी सीटों में इस बार भारी गिरावट आई है। फिर भी सपा की सीटें भाजपा से अधिक हैं। वर्ष 2015 में बसपा ने भी बेहतर प्रदर्शन किया था। वह दूसरे, भाजपा तीसरे व कांग्रेस चौथे स्थान पर रही थी। इस बार निर्दलीयों ने भी 321 सीटों पर जीत का दावा किया है। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री और सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह का दावा है कि भाजपा ने पंचायत चुनावों में 900 से ज्यादा सीटें जीती हैं और 400 निर्दलीय पार्टी के संपर्क में हैं।
सत्तारूढ़ दल भाजपा के विकास एजेंडे पर रहे बुंदेलखंड में भाजपा का दावा है कि उसे 39 सीटें मिली हैं। यहां सपा और बसपा ने भी भाजपा से कड़े मुकाबला का दावा किया है और दोनों को 31-31 सीटें मिली हैं। कभी बसपा का गढ़ रहे बुंदेलखंड में बसपा ने सपा को करारी टक्कर देकर यह साफ कर दिया है कि उसे कम आंकना उचित नहीं है। वहीं कांग्रेस को दो सीटों पर संतोष करना पड़ा।
पश्चिमी यूपी में किसान आंदोलन का असर दिखा, जिसके चलते राष्ट्रीय लोकदल ने 35 सीटें मिलने का दावा किया है। सपा के साथ उसका गठबंधन होने के चलते सपा को 76 सीटें मिली। इसके बावजूद भाजपा छह जिलों में हापुड़, बागपत, शामली, बिजनौर, सहारनपुर और बुलंदशहर में 62 सीटें हासिल कर दबदबा बनाए रखने का दावा कर रही है। पश्चिमी यूपी के नतीजों ने साफ कर दिया है कि विधानसभा चुनावों में रालोद-सपा गठबंधन मौजूदा हालात के मद्देनजऱ कड़ी चुनौती पेश करने की तैयारी में हैं। मुरादाबाद मंडल में भी भाजपा को 27 और सपा को 33 सीटें मिलने का दावा किया गया है।
पूर्वांचल के गोरखपुर, बस्ती और वाराणसी व मिर्जापुर मंडल के परिणामों में भी पार्टियों ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया है। भाजपा के अनुसार उसे पूर्वांचल में 118 सीटें मिली हैं और सपा के मुताबिक उसे 171 सीटें हाथ लगी हैं। वहीं बसपा ने पूर्वांचल में पश्चिमी यूपी के बाद सबसे अच्छे प्रदर्शन का दावा किया है। उसे 90 सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस को 21 सीटें मिली हैं। पूर्वांचल में 310 निर्दलीय उम्मीदवारों को जनता ने जीत दिलाई।
बरेली मंडल के जिलों में दावा है कि भाजपा को 37, सपा को 33, बसपा को 18 और कांग्रेस को तीन सीटें मिली हैं। वहीं महान दल ने भी बरेली मंडल में दो सीटें जीतने, तो निर्दलीय प्रत्याशियों ने 19 सीटों पर जीत हासिल करने का दावा किया है।
आगरा-मथुरा से जुड़े ब्रज क्षेत्र में भी सपा आगे दिख रही है। भाजपा ने यहां 51 सीटें और सपा ने 64 सीटें जीतने का दावा किया है। बहुजन समाज पार्टी ने भी आगरा मंडल में 37 सीटों पर जीत का दावा कर संकेत दे दिया है कि गांव-देहात की सरकार बनाने के लिए उसकी जड़ें अभी कमजोर नहीं हुई हैं।
अवध क्षेत्र के साथ ही मध्य यूपी के अयोध्या, लखनऊ, गोंडा, अमेठी और कानपुर, इटावा, मैनपुरी, उरई आदि में आए नतीजे भाजपा को झटका देने वाले माने जा रहे हैं। यहां सपा ने 285 सीटें और भाजपा ने 155 सीटें जीतने का दावा किया है। लखनऊ की 25 सीटों में से 10 पर सपा ने कब्जे का दावा किया है। वहीं भाजपा ने तीन और बसपा ने पांच सीटें जीतने की बात कही है। राम नगरी अयोध्या में सपा नेताओं ने 22 और भाजपा ने 8 सीटों पर जीत का दावा किया। गोंडा जैसे जिले में जहां भाजपा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह हैं और सातों विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है, वहां सपा ने सबसे ज्यादा 30 और भाजपा ने 17 सीटें जीतने का दावा किया है।