कर्पूरी ठाकुर की जयंती को प्रेरणादायक दिवस के रुप में मनाया

श्यामल मुखर्जी, साहिबाबाद। ज्ञानपीठ केंद्र साहिबाबाद के प्रांगण में लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट द्वारा जन नायक, समाजवादी आन्दोलन के पुरोधा, युग पुरुष कर्पूरी ठाकुर की जयन्ती समारोह “प्रेरणादायक दिवस” के रूप में धूमधाम से मनाया गया, कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राम दुलार यादव ने जन नायक कर्पूरी ठाकुर के कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला, समारोह की अध्यक्षता समाज सेवी एस0पी0 छिब्बर ने, संचालन शिक्षाविद मुकेश शर्मा ने किया, आयोजन इंजी0 धीरेन्द्र यादव ने किया7 कार्यक्रम में शामिल गणमान्य विद्वानों, भाई-बहनों ने जन नायक के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें स्मरण करते हुए संकल्प लिया कि हम लोग समाज में ईमानदारी नैतिकता पूर्ण उनके जीवन से प्रेरणा लेकर देश और व्यक्ति को मजबूत बनाने का कार्य करेंगें7 कार्यक्रम को राम प्यारे यादव, एस0पी0 छिब्बर, अंशु ठाकुर ने भी सम्बोधित किया, महिला उत्थान संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्ष बिन्दू राय ने गीत प्रस्तुत किया, कार्यक्रम में हरीश ठाकुर को माला पहनाकर, शाल ओढाकर सम्मानित किया7कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट के संस्थापक/अध्यक्ष राम दुलार यादव ने कहा कि “समाज के कमजोर वर्गों, दलितों, शोषितों और पीडि़तों के नेता कर्पूरी ठाकुर ईमानदारी, निष्ठा और नैतिकता की मिसाल थे, वह हर वर्ग के नेता के रूप में जाने जाते थे, इसलिए उन्हें जन नायक कहते हैं”7 उन्होंने जनता से आह्वान किया था कि “अधिकार चाहो तो लडऩा सीखो, पग-पग पर अडऩा सीखो, जीना है तो मरना सीखो”, वे जय प्रकाश नारायण, डा0 राम मनोहर लोहिया के समाजवादी चिंतन, मधु लिमिये, राम सेवक यादव के साथ उनका मित्रवत व्यवहार तथा चौधरी चरण सिंह की ईमानदारी और शिष्टाचार से प्रभावित रहे, वे अपनी प्रतिभा और संघर्ष से बिहार के एक बार उपमुख्यमंत्री और दो बार मुख्यमन्त्री बने, लेकिन उन्होंने कभी भी निजीहित में सत्ता का दुरपयोग नहीं किया, वे विपक्ष के नेता भी रहे, लेकिन वे इतने ईमानदार, त्यागी नेता रहे जिनकी निजी संपत्ति नहीं थी, न शहर में मकान, न बैंक में कोई रूपया-पैसा, साधन विहीन होने के बाद भी वे राजनीतिक जीवन में सफल रहे, क्योकि वे आम जनता की आवाज बन जुल्म और शोषण के विरुद्ध लड़ाई लड़ते रहे, सरकारी नौकरियों में पिछड़ों को 27त्न आरक्षण दिलवाया, वे इतने सरल और नैतिक गुणों से परिपूर्ण थे कि सार्वजानिक जीवन में उनका कोई भी दुश्मन नहीं था, वे सच्चे समाजवादी थे, वह संसाधनों की लूट के विरुद्ध सत्ता का विकेंद्रीकरण चाहते थे, राजनीति को सेवा-भाव से करने के पक्षधर रहे7 आज राजनीति की दिशा बदल गयी है गरीब, शोषित, पीडि़त राजनीति के एजेंडे से बाहर हो गया है, 5 करोड़ लोग 2020-21 में गरीबी रेखा से नीचे चले गये है, गरीब, गरीब होता जा रहा है, अमीर, अमीर7 अरबपतियों की संख्या 102 से बढकर 142 पर पहुँच गयी है, भारत की आधी आबादी मात्र 13त्न पर गुजर कर रही है, वे बेहद गरीबी में नीचे चले गये है7 देश को आज कर्पूरी ठाकुर जैसे ईमानदार नेता की जरुरत है, जिससे भीषण गरीबी, असमानता, अशिक्षा को मिटाया जा सके, जब तक 40त्न निम्न मध्यम वर्ग, मध्यम वर्ग का जीवन स्तर नहीं सुधरेगा। देश तरक्की नहीं कर सकता, क्योंकि उनकी हालत भी आर्थिक दृष्टि से बहुत ही खऱाब है7 कार्यक्रम में सभी ने पुष्प अर्पित कर जन नायक कर्पूरी जी को स्मरण किया, प्रमुख रहे: राम दुलार यादव, राम प्यारे यादव, डा0 देवकर्ण चौहान, एस0एन0 जायसवाल, एस0पी0 छिब्बर, मुकेश शर्मा, संजू शर्मा, शशि कश्यप, रेनूपुरी, बिन्दू राय, अंशु ठाकुर, मुनीव राम यादव, राजपाल यादव, ईलाइद्दीन, फौजुद्दीन, आशु, अखिलेश शुक्ला, राकेश गोस्वामी, अमर बहादुर, प्रेम चन्द पटेल, राजीव गर्ग, अंकित राय, केदार सिंह, सुरेश कुमार भारद्वाज, हरिकृष्ण, रविंदर यादव आदि7