गोरखपुर। यूपी के गोरखपुर जिले की शहर विधानसभा सीट को 20 साल बाद नया विधायक मिलेगा। गोरखपुर शहर सीट से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद चुनाव लड़ रहे हैं। इस वजह से इस विधानसभा को हॉट सीट माना जा रहा है। प्रदेश भर की निगाहें इस सीट पर हैं। यहां जितने भी प्रत्याशियों ने चुनाव में ताल ठोंकी है, ये सभी उम्मीदवार पहली बार यूपी विधानसभा चुनाव में दावेदारी कर रहे हैं। चाहे वो बीजेपी के प्रत्याशी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हों या फिर भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर आजाद हों, ये सभी बड़े नेता पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। ये बता दें, कि साल 2002 से ही लगातार गोरखपुर शहर सीट पर भाजपा के विधायक डॉ. राधा मोहन अग्रवाल का कब्जा रहा है। साल 2022 चुनाव में सीएम योगी आदित्यनाथ के आने की वजह से विधायक डॉ. राधा मोहन को ये सीट छोडऩी पड़ी। वर्तमान विधायक डॉ. राधा मोहन इस समय सीएम योगी आदित्यनाथ का प्रचार प्रसार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इससे पहले कभी विधान सभा चुनाव नहीं लड़े हैं। साल 2017 में सीएम बनने के बाद सांसदी के पद से योगी ने इस्तीफा दे दिया था। वे एमएलसी के पद पर मनोनीत कर दिए गए। वहीं भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर आजाद भी अपने राजनीतिक करियर में पहली बार चुनाव मैदान में हैं। बसपा के प्रत्याशी ख्वाजा शमसुदृीन 20 साल से पार्टी की सेवा कार्य में लगे हैं, उनका भी ये पहला चुनाव है। वहीं सपा उम्मीद्वार स्व. उपेन्द्र शुक्ला की पत्नी शुभावती शुक्ला पहली बार राजनीति में आई हैं। इससे पहले उन्होंने भी चुनाव नहीं लड़ा है। आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी विजय श्रीवास्तव भी पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। गोरखपुर शहर सीट पर 20 साल बाद 2022 में ऐसा होगा कि कोई नया चेहरा यहां से विधान सभा पहुंचेगा। गोरखपुर सदर सीट पर वर्तमान में 4,53,662 मतदाता हैं, जिनमें 2,43,013 पुरुष और 2,10,574 महिला हैं। इस सीट पर 95 हजार से अधिक कायस्थ मतदाता हैं जबकि 55 हजार ब्राह्मण हैं। 25 हजार क्षत्रिय और 50 हजार के लगभग मुस्लिम मतदाता है। वैश्य मतदाता की संख्या भी 50 हजार से ज्यादा है। निषाद 25 हजार, दलित 25 हजार तो यादव 25 हजार बताए जाते हैं। वहीं, विश्वकर्मा 4 हजार, पंजाबी 7 हजार, सिंधी 7 हजार, बंगाली 6 हजार मतदाता हैं।