बिजली व गन्ने के मुद्दे पर भाजपा और बसपा ने किया हंगामा

vidhansabha
लखनऊ। विधानसभा और विधान परिषद का सत्र बुधवार को नगर विकास राज्यमंत्री चितरंजन स्वरूप के निधन के कारण गुरूवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। दोनों सदनों में उनके निधन पर शोक जताया गया। इससे पहले विधानसभा में बिजली के मुददे पर बसपा ने तो गन्ना किसानों के भुगतान को लेकर लेकर बसपा और भाजपा के सदस्यों ने वॉकआउट किया।
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान बसपा के डॉ. धर्मपाल, सपा के रविदास मेहरोत्रा, भाजपा के सतीश महाना, राधा मोहनदास अग्रवाल और सुरेश राणा ने मुख्यमंत्री से जानाना चाहा कि प्रदेश की जनता भारी बिजली कटौती से त्रस्त है। क्या यह सरकार की जानकारी में है। सरकार ने इसका जवाब नहीं में दिया। विपक्ष ने फिर पूछा क्या सरकार 15-16 घंटों से अधिक हो रही बिजली कटौती को सुचारू करने का प्रयास करेगी। सरकार ने इसके जवाब में कहा कि प्रदेश में घोषित रोस्टर के अनुसार ही बिजली आपूर्ति की जा रही है। उर्जा राज्यमंत्री यासिर शाह ने कहा कि केन्द्र मात्र 11884 मेगावाट बिजली ही देता है, 5384 मेगावाट की हमको और जरूरत है। इस पर भाजापा के सतीश महाना ने कहा कि एक माह से गांवों में चार घंटे से ज्यादा बिजली नहीं मिल रही है। आप रोस्टर से बिजली देने की बात कर रहे हैं। आज से ही सुनिश्चित कर दें जितने घंटे बिजली मिलनी है वो नियमित मिले। भाजपा के सुरेश राणा ने कहा कि मेरी जानकारी के अनुसार फसलें सूख रही हैं दस बिजली घर ऐसे हैं जहां दो से ढाई घंटे ही बिजली दी जा रही है। सरकार की ओर से उर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली की उपलब्धता के अनुसार बिजली दी जाती है। सरकार की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर बसपा ने सदन से वॉकआउट कर दिया। भाजपा के राधामोहन अग्रवाल ने पूछा कि जिन जिलों में विद्युत भुगतान अच्छा है क्या वहां विद्युत आपूर्ति सुधारी जाएगी। इस पर उर्जा मंत्री ने कहा कि सरकार प्रयास कर रही है कि जिन जिलों में 12 और 15 प्रतिशत से कम लाइन क्षति है वहां 22 घंटे बिजली देने का प्रयास किया जा रहा है।
इसके साथ ही सदन में आज गन्ना किसानों के बकाये भुगतान के मामले पर भाजपा और बसपा ने सदन से बर्हिगमन किया। प्रश्नकाल में भाजपा के लोकेन्द्र सिंह, करतार सिंह भड़ाना, कांग्रेस के नदीम जावेद और सपा के रविदास मेहरोत्रा ने मुख्यमंत्री से जानना चाहा कि प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2014-15 तथा चालू वित्तीय वर्ष में गन्ना मिलों पर किसानों का कुल कितना धन बकाया है। साथ ही क्या सरकार गन्ना मूल्य का नियमानुसार ब्याज सहित भुगतान करायेगी। इस पर जवाब देते हुए खेल राज्यमंत्री राम करन आर्य ने कहा कि पेराई सत्र 2014-15 के तहत 17 अगस्त 2015 की स्थिति के अनुसार सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलों पर 433.17 करोड़ तथा निजी क्षेत्र की चीनी मिलों पर 7096.18 करोड़ और कुल 7529.35 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य अवशेष है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार न्यायालय के निर्देशों के क्रम में नियमानुसार गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान कर रही है। भाजपा के सुरेश खन्ना और नदीम जावेद ने कहा कि सरकार ने गन्ना किसानों का कोई भुगतान नहीं किया गया है यह आंकड़े आप पिछले बजट सत्र में भी दिया था। भारत सरकार ने 6 हजार करोड़ रुपये दिया है। सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर भाजपा सदस्य से बर्हिगमन कर गये इसी बीच नेता सदन ने कहा कि केन्द्र ने 6 हजार करोड किसको और कहां दिया है। यह सुनकर भाजपा सदस्य वापस सदन में आ गये और उन्होंने कहा कि दिया नहीं है लेकिन देने की घोषणा की है। संसदीय कार्य मंत्री मोहम्मद आजम खां ने कहा कि भाजपा तो घोषणा पार्टी हो गई है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बीते 6 माह में एक भी रूपया भुगतान नहीं किया गया है। सरकार गन्ना किसानों का हित नहीं चाहती है। यह कहते हुये बसपा ने सदन से बहिर्गमन किया।
भाजपा के मनीष असीजा ने पूछा की आप्रकृतिक मृत्यु होने की दशा में पोस्टमार्टम प्रक्रिया शाम 5 बजे से बढ़ाकर रात्रि 10 बजे तक करने पर विचार किया जाएगा। इसके जवाब में चिकित्सा राज्य मंत्री शंखलाल मांझी ने कहा कि दिन एक बजे तक जो शव पोस्टमार्टम हाउस में आ जाते हैं उसका पोस्टमार्टम कर दिया जाता है। उसके बाद आने वाले शवों के पोस्टमार्टम में व्यवहारिक कठिनाई को देखते हुए संभव नहीं हैं। जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने संज्ञान लेते हुए कहा कि यह मानवीय संवेदना का विषय है सरकार इस पर विचार करे। इस पर चर्चा चल ही रही थी कि नगर विकास मंत्री आजम खां ने खड़े होकर कहा कि आप सभी को एक दुखद सूचना देनी है कि राज्यमंत्री चितरंजन स्वरूप का दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया है। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्या ने शोक प्रस्ताव लाए जिसे पूरे सदन ने अपने को संबद्ध किया। सभी सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद सदन गुरूवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।