दामादों को नौकरी देकर फंसे विधानसभा अध्यक्ष

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लखनऊ। यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने आज कहा कि वह विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय के दो नजदीकी रिश्तेदारों को विधानसभा सचिवालय में नियुक्त करने के खिलाफ की गई शिकायतों की जांच कर रहे हैं। नाईक ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उन्हें इस संबंध में शिकायत मिली है और वह इसकी पडताल कर रहे हैं। इस मामले की जांच में हालांकि कुछ देरी हो सकती है क्योंकि राज्यपाल चार दिनों के अवकाश पर लखनऊ से बाहर जा रहे हैं। सामाजिक कार्यकत्र्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने राज्यपाल से मंगलवार को शिकायत की थी कि विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद के दो दामादों को अनुचित तरीके से विधानसभा सचिवालय में उच्च पदों पर नियुक्त किया गया है।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि पाण्डेय ने अपने बड़े दामाद प्रदीप कुमार पाण्डेय को गत 22 मार्च को संपादक और छोटे दामाद नरेंद्र शंकर पाण्डेय को 12 मई को विशेष कार्य अधिकारी के पद पर नियुक्त किया है। शिकायती पत्र में कहा गया है कि इन पदों के लिए कोई विज्ञापन नहीं निकाले गए और नियुक्त किए गए लोगों की योग्यता इन पदों के अनुरुप नहीं थी। इनकी नियुक्ति मनमाने ढंग से की गई और इसके लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।
सूत्रों के अनुसार नरेंद्र शंकर पाण्डेय ने अपना पता माता प्रसाद के एमएलए फ्लैट को ही दर्शाया है। डॉ. ठाकुर ने इस मामले को बहुत गंभीर करार देते हुए राज्यपाल से जांच करने और उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करके इस तरह के कृत्य करना अक्षम्यपूर्ण है। इस बीच,भारतीय जनता पार्टी के डुमरियागंज लोकसभा क्षेत्र से सांसद जगदम्बिका पाल ने इस मामले को बेहद गंभीर करार देते हुए पाण्डेय और उनके दोनों दामादों को तत्काल पद से हटाने की मांग की है।