कताई मिल की बिजली कटने से असमंजस मे श्रमिक

बाराबंकी। उत्तर प्रदेश राज्य कताई मिल बाराबंकी की बिजली पावर कार्पोरेशन द्वारा 27 जून को विद्युत बिल एक करोड़ से ज्यादा बकाया होने पर सप्लाई बन्द कर दी गयी। जिसके कारण मिल में श्रमिको का भविष्य अधर में लटक गया है। श्रमिको को यह भी नही पता है कि मिल चलेगी या बन्द होगी। बीआरएस होगा कि या नही श्रमिको को कुछ भी नही पता है। लगभग 39 वर्ष पूर्व मिल की स्थापना हुयी थी तब से लेकर आज तक कताई मिल में काफी उतार चढ़ाव हुये है। जिस मिल में कभी पचास हजार तपुये चलते थे वे आज के आज के समय 12 हजार चलने के काबिल बचें है। जिस मिल में बगल से गुजरने पर मशीनो की घरघराहट की आवाज गूंजती थी वे मशीने आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। जिस ओल्ड प्लांट से होकर श्रमिक पूरी फैक्ट्री में चहल कदमी करते थे वहां आज लगता है कि भूतों का निवास है। वहां पर आज सांप व नेवले ही नजर आते है। 28 जून को कताई मिल यूनियन के वरिष्ठ नेता शुभकरण सिंह युवा मनोज तिवारी उर्फ हीरो भईया विनय भान के नेतृत्व में सैकड़ों श्रमिक ने जिले के गद्दावर मंत्री अरविन्द सिंह गोप से मिलकर फैक्ट्री के लिये कार्यशील पूंजी दिलवाकर कम्पनी को चालू करवाये जाने की मांग की थी जिस पर मंत्री महोदय ने कहा कि कताई मिल हर हालत में चालू करवायी जायेगी। समाजसेवा से जुड़े भारत प्रेस परिषद के संगठन मंत्री अतुल मिश्रा, मनोज तिवारी, विनय भान सिंह, अरूण द्विवेदी, देवदत्त पाण्डे, राजेश सिंह, पंकज दीक्षित, विनोद पाण्डे, जटाशंकर द्विवेदी, जयराघव उर्फ दादा जी, राजेश तिवारी, शेषनाथ गिरी, बाबू राम चन्दर समेत वरिष्ठ श्रमिको ने मुख्यमंत्री उ.प्र. अखिलेश यादव जी से फैक्ट्री के लिये कार्यशील पूंजी दिलाकर मिल चलवाये जाने की मांग की है। जिससे कि हजारो परिवार बेघर होने से बचे।