खुलासा: स्वास्थ्य भवन में आग लगी नहीं लगाई गयी

Fire Fight by Billy Heath III - www.BillyHeathPhotography.com

लखनऊ। (विसं.) एनआरएचएम घोटाले के बाद से चर्चा में आए यूपी के स्वास्थ्य भवन में लगातार आग लगने की घटनाओं की जांच कर रही यूपी की स्पेशल टास्क फोर्स एसटीएफ ने इस बारे में अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंप स्वास्थ्य विभाग को सौंप दी है। बीती जुलाई से लेकर अब तक स्वास्थ्य भवन की अलग-अलग मंजिलों में तीन बार आग लगी थी। लगातार होती घटनाओं के कारण इसकी जांच एसटीएफ को सौंपी गई थी। रिपोर्ट मिलने के बाद स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन ने कहा है कि आग लगी नहीं थी, बल्कि आग लगाई गई थी। इस बीच राज्य के आईजी लोकशिकायत ए.मुथा जैन ने बताया कि मामले की जांच के बाद एसटीएफ ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट शासन को सौंपी है जिसमें कहा गया है कि आग शार्टसर्किट से नहीं लगी थी बल्कि यह या तो लापरवाही से लगी है या जानबूझकर लगाई गई है। इस रिपोर्ट के साथ साथ एसटीएफ ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने की भी संस्तुति की है।
इधर, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन ने सीएमओ की बैठक को स बोधित करते हुए कहा कि एसटीएफ को आग लगाने वालों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं। उन्होंने लगातार होती घटनाओं में किसी का हाथ होने का शक पहले ही जाहिर किया था। स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक जांच में फिलहाल कुछ डॉक्टरों और कर्मचारियों की संलिप्तता के सबूत मिले हैं। इसके जि मेदारों के खिलाफ केस दर्ज कर सभी को निलंबित किया जाएगा और एसटीएफ डॉक्टरों को गिर तार कर उनसे पूछताछ करेगी।
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य भवन में लगातार आग लगने की घटनाओं में कई महत्वपूर्ण फाइलें नष्ट हो गई थीं। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि यह आग एनआरएचएम घोटालों से जुड़ी फाइलों को नष्ट करने के लिए लगाई गई। एनआरएचएम घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है। स्वास्थ्य भवन में कई बार आग लगने की घटनाओं के बाद शासन ने इस आग लगने की घटनाओं की जांच एसटीएफ को सौंप दी थी। डेढ़ महीने में स्वास्थ्य भवन में आग लगने की तीन घटनाएं हुईं, लेकिन खास बात ये है कि अगस्त के ही महीने में एक ही हफ्ते में दो बार आग लगने के बाद से ही घटनाओं में किसी का हाथ होने के बारे में शक जाहिर किया जा रहा था। पहले तो माना जा रहा था कि आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट है, लेकिन जांच में सामने आ गया कि शॉर्ट सर्किट से लगातार आग नहीं लगी है। एक बार तो आग उस वक्त लगी, जब चौथी मंजिल समेत सभी मंजिलों की बत्तियां बुझी हुई थीं। बताया जा रहा है कि पहली बार जब स्वास्थ्य भवन में आग लगी, तो उससे ठीक पहले तक कई कर्मचारी द तर में जमे हुए थे। इसके बाद ये सोचा गया कि शायद बत्तियां और पंखे चल रहे थे और इसी वजह से शॉर्ट सर्किट हो गया होगा। अब अंतरिम जांच रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में कर्मचारियों और डॉक्टरों की ओर से जानबूझकर आग लगाने की पुष्टि होती दिख रही है।