मोबाइल कंपनियां बढ़ायेंगी डेटा कारोबार

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मुम्बई। इस साल के अंत तक रिलायंस जियो की सेवाएं शुरू होने से पहले प्रमुख दूरसंचार कंपनियां डेटा कारोबार में अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने पर जोर दे रही हैं। यही कारण है कि प्रमुख दूरसंचार ऑपरेटरों ने हाल में सस्ते मोबाइल इंटरनेट प्लान की घोषणा की है। उन्हें चिंता है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज का दूरसंचार कारोबार कहीं डेटा बाजार में उनकी बाजार हिस्सेदारी न हड़प ले। साल 2003 में कंपनी ने मोबाइल बाजार में सस्ती दरों की घोषणा कर कुछ ऐसा ही किया था।
एयरटेल ने 6 अगस्त को देशभर में अपनी चौथी पीढ़ी की सेवाएं (4जी) शुरू करने की घोषणा करते हुए कहा था कि वह 999 रुपये प्रति महीने पर असीमित वॉयस कॉल के साथ 3जी दर पर 4जी सेवाएं उपलब्ध कराएगी। इसके एक दिन बाद उपभोक्ताओं की संख्या के लिहाज से देश की दूसरी साबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन ने भी एक खास योजना पेश की है जिसके तहत उपभोक्ता मौजूदा दरों पर दोगुना डेटा का इस्तेमाल कर सकेंगे। एमटीएस और रिलायंस कम्युनिकेशंस भी सस्ती दरों पर असीमित कॉल एवं डेटा-विशेष योजनाओं की पेशकश कर रही हैं। संचार सेवा प्रदाताओं के लिए गार्टनर के विश्लेषक ऋषि तेजपाल ने कहा कि जाहिर तौर पर सभी दूरसंचार ऑपरेटरों की शुल्क दरें डेटा केंद्रित हो रही हैं। हालांकि वॉयस कारोबार अभी भी दूरसंचार कंपनियों के राजस्व का एक प्रमुख स्रोत है लेकिन पिछली कुछ तिमाहियों के दौरान उनके डेटा राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। भविष्य में सबकुछ डेटा कारोबार पर भी निर्भर करेगा। प्रमुख दूरसंचार कंपनियों की कुल आय में इंटरनेट कारोबार का योगदान फिलहाल 16 से 19 फीसदी है। अगले कुछ वर्षों में यह आंकड़ा करीब एक तिहाई होने वाली है। दूरसंचार कंपनियों ने पहली तिमाही के वित्तीय नतीजों में कहा है कि देश में स्मार्टफोन और 3जी का चलन बढऩे से पिछले एक साल के दौरान डेटा कारोबार से प्राप्त उनके राजस्व में 50 फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। मोबाइल डेटा के इस्तेमाल और राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि के बावजूद दूरसंचार ऑपरेटरों ने कहा कि उनके कुल ग्राहक आधार में डेटा उपयोगकर्ताओं की संख्या अभी भी काफी सीमित है।