पर्यटकों को बरबस खींचता है रणकपुर का जैन मंदिर

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फीचर डेस्क। राजस्थान के पाली जिले में स्थित रणकपुर का जैन मंदिर भारतीय स्थापत्य कला का अद्भुत नमुना है। यह मंदिर पाली-उदयपुर राजमार्ग पर सादड़ी कस्बे से कुछ ही दूरी पर सुशांत पहाड़ी इलाके में स्थित हैं। यह जगह जैन धर्म में आस्था रखने वालों के साथ-साथ वास्तुशिल्प में दिलचस्पी रखने वालों को बहुत भाती है। पर्यटकों को मंदिर की खूबसूरती, भव्यता और शांत वातावरण घण्टों रोके रखता है। यह जगह जैन धर्म के पांच प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है। इन मंदिरों का निर्माण 15 वीं शताब्दी में राणा कुंभा के शासनकाल में हुआ था। इन्हीं के नाम पर इस जगह का नाम रणकपुर पड़ा। मुख्य मंदिर प्रथम जैन तीर्थंकर आदिनाथ को समर्पित चौमुख मंदिर है। यह मंदिर चारों दिशाओं में खुलता है। इस मंदिर का निर्माण 1439 में हुआ था। संगमरमर से बने इस खूबसूरत मंदिर में 29 विशाल कमरे हैं जहां 14 खंबे लगे हैं। इनकी खासियत यह है कि ये सभी खंबे एक-दूसरे से भिन्न हैं। मंदिर के पास के गलियारे में बने मंडपों में सभी 24 तीर्थंकरों की तस्वारें उकेरी गई हैं। सभी मंडपों में शिखर हैं और शिखर के ऊपर घंटी लगी है। हवा चलने पर इन घंटियों की आवाज पूरे मंदिर में गूंजती है। यहां पूरे साल कभी भी जाया जा सकता है। बरसात में यहां की हरियाली और झरनों की खूबसूरती मन को भा जाती है। यह जगह पाली-उदयपुर राजमार्ग पर स्थित हैं, देश के प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग के जरिए जुड़ा हुआ है। उदयपुर से 98 किलोमीटर दूर है। पाली, मारवाड़ जक्संन और उदयपुर रेलवे के बड़े स्टेशन हैं। नजदीकि हवाई हड्डा उदयपुर व जोधपुर हैं, जहां से दिल्ली और मुंबई के लिए नियमित उड़ानें हैं।