लव, सेक्स, मनी : आखिर इन रिश्तों का हश्र मौत क्यों

crime high
योगेश श्रीवास्तव
लव सेक्स और मनी के फेर में इस समय शीना बोरा हत्याकांड इन दिनों सुर्खियों में है। इस हत्याकांड में किसी सफेदपोश के बजाए कई रईसों के साथ स्टार इंडिया के पूर्व सीईओ पीटर मुखर्जी की पत्नी इंद्राणी मुखर्जी का नाम आया। यह अपने आप में पहली घटना नहीं है इससे पूर्व भी देश के अन्य राज्यों में लव सैक्स और पालीटिक्स में इस तरह की घटनाएं हुई जो सुर्खियां बनी और जिनकी चर्चा सड़क से सदनों तक रही। पीटर मुखर्जी इंद्राणी मुखर्जी के तीसरे पति थे जब इंद्राणी उनकी दूसरी पत्नी थी। पीटर से पहले वे संजीव खन्ना तथा सिद्वार्थ दास की भी पत्नी रही। शीना बोरा सिद्वार्थदास की बेटी थी जिसे इंद्राणी हमेशा लोगों के बीच उसे अपनी बहन बताती थी। शीना बोरा की वर्ष 2012 मे 24 अप्रैल को हत्या कर उसका शव रायगढ़ के जंगलों में फेंक दिया गया था। फिर 23 मई 2012 को उसका शव बरामद हुआ था। शीना बोरा की हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस ने उसके इंद्राणी के प्रति संजीव खन्ना को गिर तार किया है। इस हत्या के पीछे जो लव फैक्टर की बात आई है उसमें पीटर और इंद्राणी के बेटे राहुल मुखर्जी का ही नाम आया है। जबकि शीना बोरा की हत्या के बाद अब उसके भाई मिखाइल बोरा ने अपनी हत्या की आशंका जताई है।(शीना बोरा और मिखाइल बोरा इंद्राणी-सिद्वार्थ की संताने है) देश में इस तरह के कई पहले लव सैक्स पालिटिक्स को लेकर हाईप्रोफाईल मर्डर हुए। जो सुर्खियो में रहे कई घटनाओं में सफेदपोशों के नाम आए आरोप सिद्व हुए तो सजाएं भी मिली। देश की राजधानी दिल्ली से। जहां एक अंग्रेजी दैनिक की पत्रकार शिवानी भटनागर जो पीएमओ कवर करती थी उसी दौरान उनकी नज़दीकियां वहां महत्वपूर्ण पद पर तैनात आईपीएस अधिकारी आरके शर्मा से हुई। संबंधों में इतनी निकटता आई कि शिवानी भटनागर गर्भवती हो गई। खासा कोहराम मचा। शिवानी भटनागर की 23 जनवरी 1999 को हत्या हुई थी। हत्या की शक की सुई कई दिग्गजों तक पहुंची। इस मामले में एनडीए सरकार में एक
कैबिनेट मंत्री का नाम भी आया। लेकिन वे दिवंगत हो गए तो सारी आईगई आरके शर्मा के सिर हो गई। उन्हे सजा भी हुई। काफी दिनों तक जेल में रहे। अक्टूबर 2011 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्हे बरी कि या। शिवानी और आरके शर्मा की निकटता 1997 में हुई। शर्मा उस समय पीएमओं में थे। 1998
में शिवानी ने एक पुत्र को जन्म दिया। हत्या के बाद मामला सीबीआई को सौंपा गया। दबाव बढ़ा तो 27 सितंबर 2002 को शर्मा ने पंजाब की अंबाला अस्पताल में आत्मसमर्पण किया था। दिल्ली का ही चर्चित नैना साहनी कांड भी लोग भूले नहीं है। नैना साहनी की हत्या 2 जुलाई 1995 को हुई थी। दिल्ली युवक कांग्रेस के अध्यक्ष सुशील शर्मा ने नैना साहनी से प्रेमविवाह
किया फिर उसकी हत्या कर उसका शव तंदूर में जला दिया। इस मामले में सुशील शर्मा को फांसी की सजा सुनाई गई लेकिन 8 अक्तूबर 2013 को उनकी फ ांसी की सजा उम्रकैद में तब्दील हो गई। दिल्ली का जेसिका लाल हत्याकांड काफी सुर्खियों में रहा। जेसिका लाल की 29 अप्रैल 1999 को हत्या हुई थी। इस मामले में उस समय देश के शीर्ष संवैधानिक पद पर रहे एक व्यक्ति के करीबियों का नाम आया। मामले की जांच चली और 20 दिसंबर 2006 को मुख्य आरोपी मनुशर्मा को दिल्ली के हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई। दिल्ली का ही प्रियदर्शिनी मट्टï़ू हत्यकांड भी काफी सुर्खियों में रहा। दिल्ली विश्वविद्यालय की कानून की छात्रा प्रियदर्शिनी मट्टïू की 23 जनवरी 1996 को हत्या हुई थी इस मामले में 30 अक्टूबर 2006 को फांसी की सजा सुनाई गई। उच्चतम न्यायालय ने हत्याभियुक्त संतोष सिंह की फांसी की सजा को 6 सितंबर 2010 उम्रकैद में तब्दील कर दिया। लव सेक्स और धोखा देने के मामलें में उत्तर प्रदेश भी पीछे नहीं रहा। प्रदेश के दो पूर्व राज्यमंत्री अमरमणि त्रिपाठी और आनंद सेन आजीवन सजा काट रहे है। भाजपा और बसपा सरकारों में राज्यमंत्री रहे अमरमणि त्रिपाठी का नाम कवियत्री मधुमिता की हत्या में उछला। मधुमिता की हत्या 9 मई 2003 को हुई थी। पहले मामला सीबीसीआईडी को फिर सीबीआई को सौंपा गया। शिद्दत से हुई जांच में अमरमणि के अलावा उनकी पत्नी मधुमणि का नाम भी हत्या की साजिश मे पाया गया। दोनों को सजा हुई। इस समय दोनों ही उत्तराखंड की जेल में आजीवन की सजा काट रहे है। इसी तरह प्रदेश की मायावती सरकार में राज्यमंत्री रहे आनंद सेन को भी फैजाबाद की शशि अपहरण और हत्या में संलिप्तता पाई गई। शशि अयोध्या के साकेत महाविद्यालय की विधि की छात्रा थी उसके अपहरण और हत्या के मामलें में आनंदसेन के अलावा सीमा आजाद और विजय सेन को भी 17 मई 2011 सजा हुई। इस मामले की जांच सीबीसीआईडी ने की थी। इसी प्रकार मुलायम सिंह यादव के पिछले मुख् यमंत्रित्व काल में मेरठ की कविता चौधरी कांड भी सुर्खियोंं में रहा। उसके लापता होने के साथ ही उसकी भी लाश आखिरी तक फैजाबाद की शशि की तरह पुलिस के हाथ नहीं लगी। पश्चिम उत्तर प्रदेश के गढ़मुक्तेश्वर से प्रवक्ता कविता चौधरी का अक्तूबर 2006 में कविता चौधरी का अपहरण हुआ फिर उसकी हत्या कर लाश गायब कर दी गई। 23 अक्टूबर 2010 उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई। घटना की जांच सीबीआई को सौंपी गई। इस घटना में उस समय मुलायम सिंह मंत्रिमंडल के सदस्य रहे सिंचाई मंत्री मेराजुद्दीन और राज्यमंत्री चौ.बाबूलाल को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा जबकि तीसरे मंत्री किरणपाल सिंह ने आखिरी तक इस्तीफा नहीं दिया। इस मासलें में सीबीआई के हाथ आखिर तक ऊंचे रसूख वाले सफेदपोशों तक नहीं पहुंचे। इस मामले में 23 सितंबर 2011 में गाजियाबाद की सीबीआई अदालत ने दोषी रविन्द्र और सुल्तान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। जबकि तीसरे आरोपी योगेश को तीन साल की सजा सुनाई गई। आरोपी रवीन्द्र प्रधान की
गाजियाबाद की डासना जेल में संदिग्ध परिस्थितियोंं में मौत हो गई। हाल ही में 5 अगस्त 2012 को हरियाणा की एयरहास्टेस गीतिका शर्मा ने आत्महत्या की ली। अपनी आत्महत्या के लिए उसने हरियाणा के गृहराज्य मंत्री गोपाल कांडा को जिम्मेदार ठहराया। अपना नाम आने के बाद मंत्री कांडा इस्तीफा देते ही फरार हो गया। पुलिस के बढ़ते दबाव के चलते उसने सरेंडर किया। इसी तरह ही हरियाणा सरकार में अपर महाधिवक्ता रही अनुराधा बाली उर्फ फिजां जिन्होंने वहां उपमुख्यमंत्री रहे चन्द्रमोहन से मुस्लिम धर्म स्वीकार करके दिसंबर 2008 में विवाह किया था। बाद में चन्द्रमोहन के पिता हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के विरोध के चलते चन्द्रमोहन ने अनुराधा बाली से संबंध से तोड़ लिए। 6 अगस्त 2012 को अनुराधा बाली उर्फ फिजां का शव सदिग्ध परिस्थितियों में पाया गया। परिजन उनकी आत्महत्या को हत्या बता रहे है। इसी तरह राजस्थान की जालीवाड़ा गांव की नर्स भंवरी देवी 1 सितंबर 2011 को लापता हो गई। उसके अपहरण में वहां के कैबिनेट मंत्री महिपाल मदेरणा और विधायक मलखान सिंह का नाम आया। मंत्री मदेरणा को इस्तीफा देना पड़ा। सीबीआई ने अपनी जांच मंत्री मदेरणा को भी आरोपी बनाया। बिहार का श्वेतनिशा त्रिवेदी और शिल्पी जैन हत्याकांड की धमक दिल्ली तक रही। 1982 में श्वेतनिशा उर्फ बाबी बिहार सचिवालय में टेलीफोन आपरेटर थी।