लखनऊ। आम आदमी पार्टी के संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा भड़काऊ भाषण देने के मामले में हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने कहा है कि यदि वह चार हफ्ते में अमेठी के सक्षम मजिस्ट्रेट के समक्ष उपस्थित होते हैं तो मजिस्ट्रेट शीघ्र सुनवाई कर जमानत अर्जी निस्तारित करेंगे। तब तक अरविंद केजरीवाल के विरुद्ध कोई उत्पीडऩात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। यह आदेश न्यायमूर्ति आदित्य नाथ मित्तल की एकल पीठ ने अरविंद केजरीवाल की ओर से दायर याचिका पर दिया है। याचिका में भड़काऊ भाषण देने के मामले में अमेठी के न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा जारी जमानती वारंट को निरस्त करने की मांग की गई थी जिसे अदालत ने नामंजूर कर दिया।
गौरतलब हो कि दो मई 2014 को अमेठी के मुसाफिरखाना क्षेत्र में अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी के प्रत्याशी के समर्थन में कथित भड़काऊ भाषण दिया था। इस भाषण को आपत्तिजनक बताते हुए अमेठी में उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई थी। इस मामले में 20 जुलाई को अमेठी के न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था।