बिजली कनेक्शन के नाम पर अब बिल्डर नहीं कर सकेंगे फ्लैट मालिकों का उत्पीडऩ

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लखनऊ। प्रदेश के सिंगल प्वाइंट बल्क लोड के तहत फ्लैट में बिजली का उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं के लिए यह किसी बड़ी राहत देने वाली खबर से कम नहीं है। अब सिंगल प्वाइंट कनेक्शन लेकर कोई भी बिल्डर या वहां की समितियां मल्टी स्टोरी में रहने वाले उपभोक्ताओं का उत्पीडऩ नहीं कर पायेंगी। विगत दिनों मल्टी स्टोरी में एक किलोवाट का कनेक्शन लेने के लिए उपभोक्ताओं को लगभग 25 हजार रूपया प्रति किलोवाट व 10 रूपया प्रति यूनिट से भी ज्यादा पर बिजली दरों की वसूली उपभोक्ताओं से बिल्डरों द्वारा किये जाने की शिकायत पर उपभोक्ता परिषद द्वारा आयोग से कठोर कानून बनाने की मांग की गयी थी।
बता दें कि वर्तमान टैरिफ आर्डर में अब ऐसा कानून बन गया है कि कोई भी बिल्डर जो सिंगल प्वांइन्ट का कनेक्शन लेकर मल्टी स्टोरी में रहने वाले अपने फ्लैट मालिकों को कनेक्शन देगा उससे वह किस दर पर प्रत्येक माह बिजली की वसूली कर रहा है उसका बिल उपभोक्ता को देना होगा और साथ ही सभी फ्लैट में रहने वाले उपभोक्ताओं को यह भी बताना होगा कि उसके द्वारा अलग-अलग विद्युत उपभोक्ताओं से कितना पैसा वसूला गया है और बिजली विभाग को कितना पैसा दिया गया। इसकी पूरी सूचना बिजली कम्पनियों को भी देना होगा। कोई भी बिल्डर अगर इसका उल्लंघन करता है तो मल्टी स्टोरी में रहने वाले उपभोक्ताओं को अब अपनी शिकायत उस क्षेत्र के विद्युत व्यथा निवारण फोरम में करने का अधिकार भी दे दिया गया है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि बल्क लोड सिंगल प्वांइन्ट सप्लाई का कनेक्शन लेने वाले बिल्डरों को आयोग द्वारा वर्तमान में जो टैरिफ तय है उसके मुताबिक फिक्स चार्ज 85 प्रति किलोवाट व यूनिट चार्ज 5.50 रुपए प्रति यूनिट है उस पर अधिकतम 10 फीसदी तक अतिरिक्त चार्ज के अलावा कोई भी अन्य चार्ज लेना गलत होगा। केवल बिल्डरों व रेजीडेन्सियल समितियों की ओर से आयोग की ओर सेे तय बिजली दर पर अधिकतम 10 फीसदी तक अतिरिक्त चार्ज वहां के उपभोक्ताओं से वसूला जा सकता है। अभी तक बिल्डर सिंगल प्वांइन्ट का कनेक्शन लेकर वहां पर रहने वाले फ्लैट मालिकों को अपना मीटर लगाकर मनमानी दरों पर बिजली बेंची जाती थी। अनेकों जगह ऐसी शिकायतें आयी थी कि बिल्डरों ने 10 रूपया प्रति यूनिट से ज्यादा दरों पर भी बिजली बेंची जा रही थी और उपभोक्ताओं द्वारा बिल मांगने पर उन्हें कुछ नहीं दिया जाता था, चूंकि सिंगल प्वांइन्ट कनेक्शन होने की वजह से बिजली कम्पनियों भी यह कहकर पल्ला झाड़ लेती थी कि सिंगल प्वांइन्ट मीटर के आगे बिल्डर व समितियां किस दर पर वसूली कर रही हैं वहां पर कोई मेरा अधिकार नहीं है। उन्होंने बताया कि अब नये टैरिफ आदेश में स्पष्ट प्रावधान है कि हर उपभोक्ता को बिजली का बिल देना होगा। बिल्डर द्वारा बिजली कम्पनियों को कितना भुगतान किया जा रहा है को बताना होगा। जिसके आधार पर उपभोक्ता स्वयं देख लेंगे कि आयोग द्वारा तय टैरिफ से कहीं ज्यादा तो उनसे वसूली नहीं हो रही है, साथ ही किसी भी शिकायत पर अब उन्हें उस क्षेत्र के विद्युत व्यथा निवारण फोरम में अपनी शिकायत दर्ज कराने का भी अधिकार होगा। जिससे बिल्डरों द्वारा वहां पर रहने वाले फ्लैट मालिकों के उत्पीडऩ पर अंकुश लगेगा।