बापू के कामों हुआ डिजीटलीकरण

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नई दिल्ली। केन्दीय मंत्री अरूण जेटली ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनके कद, दृष्टिकोण और प्रेरणा का किसी अन्य व्यक्ति की कल्पना करना मुश्किल है।
अरूण जेटली ने यह बातें सरकार द्वारा कलेक्टेड वक्र्स ऑफ महात्मा गांधी के ई संस्करण जारी किये जाने के मौके पर कही। सूचना एवं प्रसारण मंत्री जेटली ने कहा कि उनके मंत्रालय के अन्तर्गत आने वाले प्रकाशन विभाग ने 1994 में महात्मा गांधी के एकत्रित कामों का हिन्दी में एक पुस्तक के रूप में प्रकाशन किया था। उन्होंने कहा कि डिजिटल संस्करण एक संग्राहक सामग्री है और विश्व भर के लोग इंटरनेट पर जाकर इसका एक संदर्भ के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। महात्मा गांधी की बहुमुखी प्रतिभा का उल्लेख करते हुये जेटली ने कहा कि जिन चीजों के बारे में उन्होंने कहा था या लिखा था और उसके पीछे जो सोच थी वो इस पीढ़ी में किसी के लिए लगभग असंभव था। जेटली ने कहा, उन्होंने महात्मा गांधी वकालत की शिक्षा ली और वह चिकित्सा, आर्थिक मामले, स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े मुद्दे, सामाजिक मुद्दों, वैश्विक संबंधों, धर्म सहित अनेक विषयों पर लिख सकते थे। शायद ही कोई ऐसा विषय होगा जिस पर वह बोल या लिख नही सकते थे। वरिष्ठ भाजपा सांसद ने कहा कि यह शोध का विषय है कि महात्मा गांधी की ताकत का स्रोत क्या था। इसी दौरान मंत्री ने उल्लेख किया कि गांधी की किसी भी परिस्थिति में उच्च नैतिक मापदंड बनाए रखना उनकी ताकत का स्रोत था। महात्मा गांधी के कामों के 100 खंडों को दो डीवीडी में शामिल किया गया है और अधिकारियों ने बताया कि मंत्रालय जल्द ही ई-प्रकाशन का एक हिन्दी संस्करण शुरू करेगा।