मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति पर हाई कोर्ट ने मांगा जवाब

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इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश में जनवरी से रिक्त चल रहे मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति न करने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है। कोर्ट को सरकार की तरफ से बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट का कोई भी जज अथवा हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश इस पद पर नियुक्ति के लिए स्वीकृत नहीं दे रहा है। ऐसे में सरकार ने अभी तक मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद पर किसी की नियुक्ति नहीं कर सकी। अदालत इस मामले पर छह अक्टूबर 15 को सुनवाई करेगी। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डॉ. डीवाई चन्द्रचूड़ व न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने मेरठ के लोकेश कुमार खुराना की जनहित याचिका पर दिया है। जनहित याचिका दायर कर मांग की गई है कि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति तरूण चटर्जी 15 जनवरी 15 को ही रिटायर हो चुके हैं। ऐसे में यह पद लबें समय से रिक्त चल रहा है, लेकिन सरकार इस पद पर किसी की नियुक्ति नहीं कर रही है। प्रदेश सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि उपनिबंधक प्रशासन ने पत्र लिखकर बताया है कि हाईकोर्ट के रिटायर चीफ जस्टिस या सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जजों ने इस पद पर नियुक्ति से अस्वीकार कर दिया है। कहा गया कि हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार से नए नामों की सूची मांगी गई है, लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई तथ्य मुहैया नहीं कराए गए हैं। इस पर कोर्ट की टिप्पणी थी कि सरकार के पास विधि विभाग है वह स्वयं पता क्यों नहीं करता। सुप्रीम कोर्ट अथवा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार सरकार को सूचना देने के लिए नहीं है।