राजनाथ बोले: पहली गोली भारत से नही चलेगी

rajnath singh

नई दिल्ली। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ मित्रवत संबंध चाहता है, इसलिए वह पाकिस्तान की ओर पहले गोली नहीं दागेगा। राजनाथ ने शुक्रवार को यह बात सीमा वार्ता के लिए भारत आए पाकिस्तान के एक प्रतिनिधि मंडल से कही। यह प्रतिनिधि मंडल पाकिस्तान रेंजर्स के महानिदेशक (डीजी) मेजर जनरल उमर फारूक बुर्की के नेतृत्व में भारत आया है। राजनाथ ने कहा, भारत अपने पड़ोसी देशों से मित्रवत संबंध चाहता है। सीमा पर पाकिस्तान की ओर पहली गोली भारत नहीं चलाएगा। उन्होंने कहा, यदि किसी कारण से गोलीबारी होती है, तो दूसरे पक्ष को रोशनी बम का इस्तेमाल कर, जवाबी कार्रवाई करने से पहले इसकी पुष्टि करनी चाहिए। हालांकि, इसके जवाब में बुर्की ने गृहमंत्री से कहा कि वह उनकी तरह नेतृत्व का हिस्सा नहीं हैं। वह केवल एक बल के महानिदेशक हैं, इसलिए इस संबंध में कोई प्रतिबद्धता जाहिर नहीं कर सकते। बुर्की ने कहा कि वह सिंह का संदेश पाकिस्तानी नेतृत्व तक पहुंचा देंगे। बुर्की ने कहा, भारत बहुत बड़ा और विशाल देश है। यह एक महान राष्ट्र है। पाकिस्तान भी सीमा पर शांति और भारत से सौहार्द भरा संबंध चाहता है। राजनाथ ने प्रतिनिधिमंडल से कहा, यह भी सुनिश्चित होना चाहिए कि पाकिस्तान की ओर से कोई घुसपैठ नहीं हो। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान को आतंकवाद के खतरे के खिलाफ एकजुट होना चाहिए। भारत की तरह पाकिस्तान भी आतंकवाद से पीडि़त देश है। उन्होंने कहा, भारत पाकिस्तान से विभिन्न स्तरों पर बात करना चाहता है, इसलिए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के उफा में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मिले थे। उन्होंने कहा, दुर्भाग्यवश एनएसए स्तर की वार्ता नहीं हो पाई, लेकिन हम पाकिस्तान से अच्छे संबंध स्थापित करना चाहते हैं। मैं यह बात केवल औपचारिकता के लिए नहीं बल्कि, दिल से कह रहा हूं। सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का हवाला देते हुए कहा कि हम मित्र बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं। इसलिए सभी पड़ोसी देशों के साथ मित्रवत संबंध स्थापित करना जरूरी है। राजनाथ ने कहा, यदि दक्षिण एशियाई क्षेत्र की ताकतें मिल जाएं, तो वे शक्तिमान हो जाएंगे और किसी भी हालात से निपट सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत, पाकिस्तान से ज्यादा इस्लामिक देश है। यहां मुसलमानों के सभी 72 फिरके रहते हैं, जबकि दुनिया के किसी और देश में सभी 72 फिरके नहीं रहते।