संसद भवन जैसी होगी विधानभवन की किलेबंदी

vidhansabha
विशेष संवाददाता,
लखनऊ। विधानभवन समेत अन्य सचिवालय भवनों तथा एनेक्सी और निर्माणाधीन नवीन मुख्यमंत्री कार्यालय की सुरक्षा व्यवस्था संसद भवन के पैटर्न पर किए जाने की कवायद की जा रही है। इन महत्वपूर्ण और अतिसंवेदनशील भवनों की चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के प्रति शसन कितना गंभीर है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले माह 20 अगस्त को इस बावत हुई बैठक की अध्यक्षता खुद मुख्य सचिव आलोक रंजन ने की। इस उच्चस्तरीय बैठक में वर्तमान में सुरक्षा के बदले आयाम एवं आतंकवादी गतिविधियों के बढ़ते स्वरूप और हिंसक वारदातों के लिए अपनायी जाने वाली नवीन तकनीकों का सामना इन भवनों में तैनात सुरक्षाकर्मी कैसे करें। इस पर गंभीरता से विचार-विमर्श किया गया।वर्तमान में विधानभवन के साथ-साथ अन्य सचिवालय भवनों तथा एनेक्सी भवन में विद्यमान सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की गयी। लगाए गए सीसीटीवी कैमरों और कंट्रोल रूम के अलावा बूम बैरियर तथा सचिवालय प्रवेश के लिए जारी किए गए स्मार्ट कार्ड की उपयोगिता पर भी चर्चा हुई। लेकिन विधानभवन, एनेक्सी समेत अन्य महत्वपूर्ण और संवेदनशील इन भवनों में मानक के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था नही होने पर चिंता व्यक्त की गयी और सुरक्षा के मकसद से सभी कड़े उपाय किए जाने का निर्णय लिया गया है।उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक 2009 में विधानभवन, एनेक्सी, बापू भवन, योजना भवन और जनपथ स्थित विकास भवन सचिवालय में सीसीटीवी के अलावा प्रवेश पत्र चेक किए जाने की जो व्यवस्था है वह मानक के अनुरूप नही है। लगभग छह साल हो गये लेकिन सुरक्षा के मकसद से इन भवनों में मास्टर कंट्रोल रूम और अन्य भवनों में स्थापित कंट्रोल रूम सिर्फ दिन में ही संचालित होते हैं। रात्रि में मास्टर कंट्रोल रूम और अन्य भवनों के कंट्रोल रूम को सुचारू रूप से संचालित करने को पर्याप्त प्रशिक्षित स्टाफ की तैनाती अभी तक नही हो सकी। शासन ने 15 फरवरी 2013 को पुलिस की रेडिया वायरलेस शाखा से 21 प्रशिक्षित कार्मिकों की सेवा स्थानांतरण के आधार पर नियुक्ति का अनुरोध किया था लेकिन यह प्रक्रिया अभी तक सिर्फ फाइलों में ही कैद है। मास्टर कंट्रोल रूम और अन्य कंट्रोल रूम तथा सीसीटीवी पर पर्याप्त निगरानी के लिए प्रशिक्षित कार्मिकों की शीघ्र तैनाती का निर्णय इस उच्चस्तरीय बैठक में लिया गया है। उल्लेखनीय है कि एनेक्सी में बने मास्टर कंट्रोल रूम से ही सीसीटीवी की रिकार्डिंग होती है। अन्य कंट्रोल रूम में सीसीटीवी की रिकार्डिंग की व्यवस्था नही है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि विधानभवन, एनेक्सी समेत अन्य सचिवालय भवनों में अलग-अलग जगहों पर कुल 109 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इसके अलावा इन संवेदनशील महत्वपूर्ण भवनों के जो स्थान छूटे हैं वहां भी सीसीटवी कैमरे लगाए जाने का निर्णय लिया गया है। इस उच्चस्तरीय बैठक में इस बात पर गंभीर चिंता व्यक्त की गयी कि छह साल हो गए सचिवालय भवनों में प्रवेश के लिए जो स्मार्ट कार्ड योजना लागू की गयी थी उसका प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन नही किया जा रहा है। निर्णय लिया गया है कि स्मार्ट कार्ड को अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति से न जोड़कर इसे सुरक्षा मकसद से अनिवार्य किया जाए। स्मार्ट कार्ड योजना का कड़ाई से पालन होने पर सचिवालयों में अनाधिकृत रूप से प्रवेश करने वाले लोगों की रोकथाम हो सकेगी। इसी तरह सचिवालय भवनों में दैनिक या सीमित अवधि के प्रवेशधारकों को बार कोडिंग के प्रवेश पत्र जारी हों ताकि इन प्रवेश पत्रों की भी रीडिंग हो सके। इस उच्चस्तरीय बैठक में इन सभी भवनों के प्रवेश द्वारों पर बूम बैरियर क्रियान्वित किए जाने का निर्णय लिया गया है। बूम बैरियर लगने से अनाधिकृत वाहनों के प्रवेश पर तो रोक लगेगी ही साथ ही सचिवालय प्रवेश करने वाले चार पहिया वाहनों में आरआईएफडी चिप लगाने का भी निर्णय लिया गया है। बतातें चले कि अभी सिर्फ एनेक्सी के प्रवेश द्वार, विधानभवन सचिवालय के प्रवेश द्वार नंबर-7 एवं 9, योजना भवन के प्रवेश द्वार तथा बापू भवन के निकास द्वार पर ही बूम बैरियर लगाए गए है। बापू भवन के निकास द्वार पर बूम बैरियर के कारण अब यह शीघ्र ही निर्णय लिया जाएगा कि यहां के निकास द्वार को प्रवेश द्वार और प्रवेश द्वार को निकास द्वार के रूप में संचालित किया जाए।