शास्त्री जी की मौत के रहस्य को खोले सरकार

lal bahadurनई दिल्ली। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस से जुड़े दस्तावेज पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा उजागर होने के बाद अब भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के निधन की जांच की मांग उनके पुत्र और कांग्रेस नेता अनिल शास्त्री ने की है।
अनिल शास्त्री ने कहा है कि उनके पिता के निधन की जांच करायी जाये शास्त्री जी की मौत को स्वभाविक नहीं माना जा सकता है। उनका चेहरा नीला पड़ गया था और उनकी डायरी या कोई दस्तावेज भी नहीं मिली थी। अनिल शास्त्री ने भारतीय दूतावास पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ताशकंद में वे जिस कमरे में रहे थे, वहां ना कोई बेल था और ना ही टेलीफोन। उन्हें प्राथमिक उपचार तक उपलब्ध नहीं कराया गया था। अनिल शास्त्री ने मोदी सरकार से यह मांग की है कि वे शास्त्री जी के निधन की कमेटी द्वारा जांच कराये और संबंध में जो सच है, उसे सामने लाये। अनिल शास्त्री की इस मांग पर कई सवालिया निशान खड़े करते हुए देश भर में प्रतिक्रिया का दौर भी शुरू हो गया है। उन्ही की पार्टी के नेता संदीप दीक्षित 45 साल बाद जांच की मांग को लेकर सवाल दागे हैं कि आखिर 45 साल बाद ऐसा मोन क्यों टूटा है जो आज उन्हें इस जांच की याद आई है। यह तो सरासर ब्लैकमेलिंग है। दूसरी बात यह भी है कि अनिल शास्त्री खुद कांग्रेस नेता रहे हैं, कांग्रेस की केन्द्र में सरकार रहते उन्होंने कभी यह मांग नहीं की।
शास्त्री के निधन पर संशय बरकरार गौरतलब है कि भारत के प्रधानमंत्री रहे लाल बहादुर शास्त्री 1965 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध के बाद ताशकंद में दोनों के देशों के बीच समझौते के लिए गए थे जहां उनकी रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई थी। हालांकि बताया गया था कि शास्त्री जी को हार्ट अटैक हुआ था लेकिन जिस तरह से उनका शरीर नीला पड़ गया था उससे परिजन और देश कई लोग इसे सामान्य मौत मानने से इनकार करते रहे हैं।