इलाहाबाद । यूपी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले आईएएस अफसर सूर्य प्रताप सिंह ने अब पिछड़ी जातियों के नौकरी में आरक्षण लेने पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से क्रीमी लेयर के लोग एलपीजी गैस सब्सिडी छोड़ रहे हैं। उसी तरह पिछड़ी जाति के लोगों को नौकरी में आरक्षण छोड़ देना चाहिए। दलितों को तो पहले से ही आरक्षण मिला हुआ है, लेकिन पिछड़ी जातियों का आरक्षण मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू होने के बाद आया। इलाहाबाद में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि समाज में बहुत असमानता आ गई है। पिछड़ी जाति के लोग आरक्षण के बल पर सम्पन्न होते जा रहे हैं और अन्य गरीब होते जा रहे हैं। इसलिए अब पिछड़ी जाति के वे लोग जो क्रीमी लेयर मे आ चुके हैं उन्हें आरक्षण छोड़ देना चाहिए। इससे समाज में बहुत बड़ा बदलाव आएगा। साल 2008 में आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दोहराते हुए सूर्य प्रताप ने कहा कि प्रदेश सरकारों को अगड़ी जाति के गरीब लोगों को आरक्षण का लाभ देना चाहिए। सविधान के अनुच्छेद 64 में यह व्यवस्था है। इसको आधार बनाते हुए उन्होंने कहा कि अखिलेश सरकार को अगड़ी जातियों में पैदा हुए और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के बारे में सोचना चाहिए। आरक्षण के अलावा सूर्य प्रताप ने लोक सेवा आयोग की नियुक्तियों में धांधली का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि आयोग के चेयरमैन अनिल यादव का आपराधिक रिकार्ड सबके सामने आ चुका है। आयोग में की जा रही धांधली की वजह से काबिल अभ्यर्थियों को नौकरी नहीं मिल पा रही है। इसके बावजूद यूपी सरकार उन्हें बचाने में जुटी है।