उर्दू में फॉर्म न छापने पर हाईकोर्ट ने केन्द्र और राज्य से मांगा जवाब

Allahabad-High-Courtइलाहाबाद। केंद्रीय कार्यालयों और बैंकों में प्रदेश की द्वितीय राजभाषा उर्दू में फार्म न छापने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। यह आदेश जस्टिस राकेश तिवारी और जस्टिस मुख्तार अहमद की खंडपीठ ने उर्दू डिवेलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन के मानद महासचिव हकीम परवाज उलूम आजमी की याचिका पर दिया है। याचिका में मांग की गई है कि केंद्रीय जनसूचना अधिकारी और अपीलीय अधिकारी के आदेशों को निरस्त किया जाए। याची का आरोप है कि सरकार उसे सूचना नहीं दे रही है। अगली सुनवाई दो नवंबर को होगी।