बड़ा सवाल: क्या दिवालिया हो गयी है कांग्रेस

congress2नई दिल्ली। आजादी से लेकर आजतक सबसे लम्बे समय तक देश पर राज करने का श्रेय अगर किसी पार्टी को है तो वह कांग्रेस। करीब 129 साल पुरानी पार्टी जिसकी लगातार दस वर्षों तक सरकार रही हो और मौजूदा समय में देश के 9 राज्यों में सरकार हो अगर उसको पार्टी चलाने के लिए पैसे की कमी हो जाये तो यह बात किसी को हजम नहीं हो रही है। कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने पार्टी सांसदों से पैसा मांगने को लेकर नयी बहस छिड़ गयी है। राजनीति के जानकारों का कहना है कि अगर कांग्रेस पार्टी आर्थिक तंगी का शिकार हो जायेगी तो मुल्क की बाकी पार्टियों को तो खत्म हो जाना चाहिए। देश में कांग्रेस की सम्पत्तियों की ही बात करें तो उसकी कीमत ही हजारो करोड़ रुपये है। कांग्रेस के जुड़े दर्जनों ट्रस्ट हैं और उनकी सम्पत्ती भी बहुत है। जानकारों का कहना है कि राहुल गांधी जोकि पार्टी के उपाध्यक्ष हैं उन्होंने कई विदेश यात्राएं की और करोड़ों रुपये उनके दौरे में खर्च किये गये आखिर यह सब पैसा कहां से आ रहा है। ऐसे में जबकि पार्टी फंड की कमी से जूझ रही है।
एक आंकड़े के मुताबिक अबतक कांग्रेस ने करीब 1400 करोड़ रुपये जमा किये हैं। ऐसे में पार्टी सांसदों से चंदा मांगना किसी को हजम नहीं हो रहा है। पार्टी सांसदों से कहा गया है कि वे एक माह का वेतन पार्टी फंड में जमा करें।यही नहीं, पूर्व सांसदों से भी चंदा देने को कहा गया है। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा ने पार्टी के सभी 44 लोकसभा और 68 राज्यसभा सांसदों को इस संबंध में पत्र लिखा है। सभी से अक्टूबर के पहले हफ्ते तक एक-एक लाख रुपए जमा करने को कहा गया है। इस संबंध में चर्चा के लिए दिल्ली कांग्रेस प्रमुख पीसी चाको और वरिष्ठ नेता अजय माकण भी सांसदों-विधायकों से मिलेंगे। कई वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारी स्वीकार कर चुके हैं कि लोकसभा चुनाव की करारी हार के बाद पार्टी को फंड की कमी से जुझना पड़ रहा है। बाद के विधानसभा चुनावों में मिली लगातार हार से संकट बढ़ गया। इस स्थिति के लिए पार्टी उन कारपोरेट घरानों पर आरोप लगा रही है जो सत्ता छिनते ही पार्टी से दूर हो गए।