मधेशियों से बातचीत थापा के जिम्मे: बनी कमेटी

nepal-crisisकाठमांडो। नेपाल के डिप्टी पीएम कमल थापा के दिल्ली दौरे से लौटने के बाद नेपाल सरकार ने देश में आंदोलन कर रहे मधेशी समुदाय के लोगों के साथ बातचीत करने के लिए उपप्रधानमंत्री कमल थापा के नेतृत्व में एक दल का गठन किया है ताकि नए संविधान को लेकर चल रहे अवरोध समाप्त किया जा सके। यह पांच सदस्यीय सरकारी टीम ज्वाइंट डेमोक्रेटिक मधेशी फ्रंट सहित विरोध आंदोलनरत समूहों के साथ बातचीत करेगी। कैबिनेट की हुई बैठक में थापा के नेतृत्व में इस टीम के गठन का फैसला किया गया।
भारत में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भेंट की थी। उन्होंने कहा कि भारतीय नेताओं ने वादा किया है कि सीमावर्ती चौकियों पर खड़े ईंधन से भरे ट्रकों को दूसरे रास्तों से भेजा जाएगा। नेपाल में ईंधन आपूर्ति में सुधार के लिए भारत जिन मार्गों पर प्रदर्शन नहीं हो रहा है वहां से और ईंधन भेजेगा। मधेशियों के साथ बातचीत के लिए तैयार नेपाल सरकार, बनाई कमिटी नेपाल सरकार ने देश में आंदोलन कर रहे मधेशी समुदाय के लोगों के साथ बातचीत करने के लिए उपप्रधानमंत्री कमल थापा के नेतृत्व में एक दल का गठन किया है। थापा के नेतृत्व में बनी वार्ता टीम में कानून मंत्री, सीपीएन-यूएमएल नेता अग्नी खारेल, सामान्य प्रशासन मंत्री, यूसीपीएन (माओवादी) नेता रेखा शर्मा और बिना विभाग वाले मंत्री, मधेशी जनाधिकार फोरम-लोकतांत्रिक नेता राम जनम चौधरी शामिल हैं। कैबिनेट सूत्रों के अलावा पांचवा सदस्य मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस से शामिल किया जाएगा। नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली ने नाखुश दलों को औपचारिक रूप से बातचीत का न्योता दिया है। उनके न्योते के जवाब में मधेशी मोर्चा ने कहा, वे बातचीत को तैयार है, लेकिन अपनी मांग माने जाने से पहले वे प्रदर्शन वापस नहीं ले सकते।