कम नींद से हार्ट अटैक और ब्लड प्रेशर का खतरा

Sleep-Disorder-Picहेल्थ डेस्क। कम नींद से शरीर और दिमाग पर गहरा प्रभाव पड़ता है। अगर व्यक्ति छ: घंटे से कम सोता है, तो याददाश्त और शरीर की प्रतिरोधी क्षमता पर असर पड़ता है। इसके अलावा हृदयाघात, रक्तचाप बढऩे का भी खतरा रहता है। कम नींद से मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है, जिससे थकान के साथ जल्दी गुस्सा आना, चिंता, अवसाद, हो सकती है। इसके साथ ही कम नींद से चयापचय की क्रिया ठीक से नहीं होती है, जिससे मोटापा बढ़ता है, आंखे लाल और सूजी रहती हैं और ऑखों के नीचे काले धब्बे पड़ जाते हंै, चेहरे की त्वचा रूखी और बेजान रहती है और जल्दी झुर्रियां पड़ सकती है।
आज ज्यादातर लोग विशेष कर छात्र-छात्राओं के लिए देर रात तक जगना आम बात हो गई है। देर रात तक लोग या तो काम करते रहते हैं या फिर फोन पर दोस्तों से चैटिंग करते रहते हैं लेकिन अधिकतर लोग यह नहीं जानते है कि नींद पूरी न होना कई बीमारियों को जन्म दे सकता है।
चिकित्सकों के अनुसार, नींद पूरी ने होने से शरीर और दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और इससे हृदयाघात का खतरा बढ़ जाता है। एक रिर्पोट के अनुसार 30 प्रतिशत से अधिक वयस्क एक रात में 6 घंटे से कम सोते है, जबकि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से रोज कम से कम सात घंटे की नींद लेना स्वस्थ रहने के लिए बेहद जरूरी है। कार्डियोलाजिस्ट के अनुसार ऐसे लोग जो कम सोते हैं उनमें रक्तचाप बढऩे का खतरा रहता है। 6 घंटे से कम नींद लेने से दिल पर असर पड़ता है और दिल की रक्तवाहिनियों में दबाव बढ़ जाता है, जिससे हृदयाघात भी हो सकता है। इसके अलावा डायबिटीज भी हो सकती है। केजीएमयू के वरिष्ठ मनोरोग चिकित्सक डा.एससी तिवारी के अनुसार नींद पूरी न होने का सबसे गहरा असर शरीर की प्रतिरोधी क्षमता पर पड़ता है। छ: घंटे से कम सोने पर संक्रमण जल्दी शरीर को घेर लेता हैं तथा कम सोने वालों को सर्दी-जुकाम अन्य के मुकाबले चार गुना जल्दी जकड़ लेता है।