देश में बकरीद की धूम: कश्मीर में पसरा सन्नाटा

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नई दिल्ली, (जेएनएन)। मुस्लिमों का त्योहार ईद-उल-जुहा आज देशभर में मनाया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में कफ्र्यू के बीच बकरीद मनायी जा रही है। कश्मीर में 10 जिलों में कफ्र्यू लगाया गया है। किसी तरह की गड़बड़ी न हो इसके लिए ड्रोन विमानों से लगातार निगरानी की जा रही है।
इस्लाम धर्म के इस दूसरे सबसे बड़े त्योहार को बकरीद के नाम से भी जाना जाता है। इस्लामी साल में दो ईद मनाई जाती हैं जिनमें से एक ईद-उल-जुहा और दूसरी ईद-उल-फितर। ईद-उल-फितर को मीठी ईद भी कहा जाता है। इसे रमजान को खत्म करते हुए मनाया जाता है। लेकिन बकरीद का महत्व अलग है। हज की समाप्ति पर इसे मनाया जाता है। इस दिन बकरे की कुर्बानी देने का प्रचलन है।
इस्लाम के पांच फर्ज माने गए हैं, हज उनमें से आखिरी फर्ज माना जाता है। मुसलमानों के लिए जिंदगी में एक बार हज करना जरूरी है। हज होने की खुशी में ईद-उल-जुहा का त्योहार मनाया जाता है। यह बलिदान का त्योहार भी है।
कुरान में बताया गया है कि एक दिन अल्लाह ने हजरत इब्राहिम से सपने में उनकी सबसे प्रिय चीज की कुर्बानी मांगी। हजरत इब्राहिम को सबसे प्रिय अपना बेटा लगता था। उन्होंने अपने बेटे की कुर्बानी देने का निर्णय किया। लेकिन जैसे ही हजरत इब्राहिम ने अपने बेटे की बलि लेने के लिए उसकी गर्दन पर वार किया, अल्लाह चाकू की धार से हजरत इब्राहिम के पुत्र को बचाकर एक भेड़ की कुर्बानी दिलवा दी। इसी कारण इस पर्व को बकरीद के नाम से भी जाना जाता है।