अजब-गजब: जब रेलगाड़ी बन गयी धक्कागाड़ी

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लखनऊ। मथुरा से वृंदावन जाने वाली ट्रेन का इंजन बंद हो गया तो यात्रियों ने धक्का लगाकर ट्रेन को रेल कर्मियों के साथ करीब दस किलोमीटर दूर यार्ड तक पहुंचाया।
जानकारी के मुताबिक वृंदावन से मथुरा की ओर जाने वाली ट्रेन रवाना होने के बाद थोड़ी ही दूर चली थी कि इंजन बंद हो गया। मसानी रेलवे स्टेशन के बाद इसको यात्रियों के साथ रेल कर्मियों ने करीब दस किलोमीटर धक्का लगाकर मथुरा तक यार्ड में पहुंचाया। मथुरा के स्टेशन मास्टर टी.एल. मीणा ने बताया कि ट्रेन में खराबी आ गई है। इस ट्रेन में दो बोगियां हैं। मथुरा व वृंदावन के बीच इसका संचालन का मकसद यात्रियों, श्रद्धालुओं को सुविधा उपलब्ध कराना था, मगर इस रेलबस से स्थानीय लोग ही ज्यादातर सफर करते हैं। मथुरा शहर में नौकरी आदि करने वाले वृंदावनवासी भी इसïका भरपूर उपयोग करते हैं।
दो बोगियों वाली ट्रेन मथुरा व वृंदावन के बीच चलती है। यह दिन में औसतन पांच से छह चक्कर लगाती है। करीब पौने दस बजे ट्रेन वृंदावन स्टेशन से मथुरा के लिए रवाना हुई। बमुश्किल दो किलोमीटर चलते ही बिरला मंदिर के पास खराब होकर खड़ी हो गई। ड्राइवर की तमाम कोशिशों के बाद भी जब स्टार्ट नहीं हुई तो इस प्रकरण से मथुरा में यार्ड को अवगत कराया गया। यार्ड से करीब दो दर्जन रेलकर्मियों को मौके पर भेजा गया। कुछ तकनीशियन भी आए। इन्होंने भी ट्रेन को चालू करने की कोशिश की मगर नाकाम रहे। इसके बाद यात्रियों को यथास्थिति बताई गई। यात्री उतरकर वापस वृंदावन चले गये। कुछ तो इन रेलकर्मी के साथ ट्रेन को धक्का देकर मथुरा की ओर लाए। जहां पर ट्रेन खराब हुई थी वहां से मथुरा रेलवे यार्ड तक करीब 10 किलोमीटर लंबा सफर ट्रेन ने धक्का खाकर ही पूरा किया। इससे पहले भी यह ट्रेन खराब हो चुकी है। दो महीने बाद ही इसका करीब पन्द्रह दिन पहले संचालन शुरु हुआ था।