गाजियाबाद। जैसे गिरगिट समय अनुसार अपना रंग बदलता है वैसे ही साइबर ठग परिस्थितियों तथा ट्रेंड के हिसाब से अपनी आगे की रणनीति बदलते रहते हैं । कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आते ही साइबर ठगों में भी सरगर्मियां तेज हो गई है । पिछले वर्ष की बात करें या वर्तमान समय की, साइबर अपराधियों ने कोरोना संक्रमण के इस दौर में हमेशा आपदा में अवसर तलाश ही लिया। बाजार में जिस चीज की दिक्कत है उसी चीज को अपना हथियार बना कर साइबर ठगों ने आम जनता की गाढ़ी कमाई को बार-बार लूटा। पिछले वर्ष साइबर ठगों द्वारा इसकी शुरुआत ट्रैवलिंग ई-पास के जरिए की गई । इसके अलावा चाहे जरूरी दवाइयां हो या फिर शराब, इन्होंने ऑनलाइन बुकिंग के नाम जनता से खूब पैसे एठे। इसके अलावा सस्ते रेट पर सैनिटाइजर, मास्क, पीपीई किट तथा अन्य जरूरी सामान देने के नाम पर भोली-भाली जनता से खूब पैसे ऐठे गए। जब इस वर्ष केंद्र सरकार तथा राज्य सरकारों द्वारा टीकाकरण की योजना शुरू की गई तो साइबर ठगों ने इसे भी अपनी ठगी का एक जरिया बना लिया । जैसे-जैसे कोरोनावायरस के संक्रमण बढ़ता गया, साइबर ठगों की ठगी भी बढ़ती चली गई। रेमदेसीविर इंजेक्शन, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर तथा ऑनलाइन एंबुलेंस बुकिंग के नाम पर लाखों रुपए की ठगी इन ठगों द्वारा की गई।
वेंटिलेटर तथा एंबुलेंस के नाम पर भी साइबर ठगों की कालाबाजारी
