यूपी विकास प्राधिकरण सेवानिवृत्त कर्मचारी संगठन ने शासकीय-कर्मचारी हित में शासन को दिए सुझाव

दिनेश जमदग्नि, गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण सेवानिवृत्त कर्मचारी संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष एमपी शर्मा ने प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग उत्तर प्रदेश शासन को शासकीय व सेवानिवृत्त कार्मिकों के हित में कुछ सुझाव सूचना के माध्यम से प्रेषित किए हैं। राज्य सरकार के पेंशनर्स की स्थानीय समस्याओं के निराकरण हेतु प्रत्येक वर्ष दिसंबर माह में पेंशन दिवस आयोजित किया जाता है लेकिन प्राधिकरण सेवा के सेवानिवृत्त कार्मिकों की पेंशन ट्रेजरी से भुगतान न होकर प्राधिकरण कोष से होने के कारण प्राधिकरण सेवा के सेवानिवृत्त कार्मिकों को पेंशन संबंधी प्रकरण जो स्थानीय स्तर पर ही निस्तारित किए जा सकते हैं उनके समाधान के लिए कार्मिकों अथवा सेवा संघ को शासन स्तर पर पत्राचार करने के लिए विवश होना पड़ता है, कार्य की अधिकता के कारण शासन स्तर पर समस्या लंबित रहने की दशा में उसी समस्या के लिए पुन: पत्राचार या शासन तक पहुंच बनाने का प्रयास किया जाता है,इस प्रक्रिया से समस्या का समाधान कम और शासकीय कार्य में व्यवधान अधिक होता है। प्रशासन एवं शासन स्तर से समस्या समाधान में विलंब से क्षुब्ध होकर अंतत: कार्मिक न्याय पाने की अभिलाषा में मा0 न्यायालय की शरण लेने पर विवश हो जाता है, इस प्रकार जहां अनावश्यक विवाद उत्पन्न होता है वहीं मा0 न्यायपालिका पर कार्य का बोझ पड़ता है तथा कार्मिकों के साथ-साथ शासकीय धन का अपव्यय एवं वित्तीय भार भी बढ़ता है। प्रांतीय अध्यक्ष एमपी शर्मा ने शासन को सुझाव देते हुए कहा कि शासनादेशों का सम्मान और ससमय अनुपालन सुनिश्चित हो। उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण सेवानिवृत्त कर्मियों की पेंशन संबंधी प्रकरण को मासिक प्रगति रिपोर्ट (एमपीआर) में सम्मिलित किया जाए जिससे प्रत्येक माह शासन स्तर पर समीक्षा हो सकेगी। प्रत्येक प्राधिकरण में प्रभारी प्रशासन की अध्यक्षता में ग्रीवेंस कमेटी का गठन किया जाए जिससे प्रत्येक माह स्थानीय स्तर की समस्याएं तत्काल निस्तारित हो और जो समस्याएं शासन स्तर की हो, उन पर शासन का मार्गदर्शन प्राप्त कर समस्याओं के समाधान में तत्परता आएगी और शासन स्तर पर अनावश्यक पत्राचार का बोझ भी कम होगा। सेवानिवृत्त कार्मिकों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए प्रांतीय अध्यक्ष ने प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन अनुभाग से सेवानिवृत्त कर्मियों के हित में निवेदन करते हुए कहा कि कार्मिक हित,शासन हित तथा धन अपव्यय को दृष्टिगत रखते हुए उक्त आशय का शासनादेश निर्गत किया जाना चाहिए।