संसद में बोली सरकार: कानून बनाने से पहले ली थी राय

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के बीच केंद्र सरकार ने संसद में यह बताया है कि बीते साल तीनों कानूनों को पास करने से पहले हरियाणा, पंजाब, बिहार और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों से सुझाव लिए गए थे। सरकार ने बताया कि साल 2010 में बनी कमेटी में 10 राज्यों के मंत्री सदस्य थे और उन्होंने सुझाव दिया था कि कॉर्पोरेट लाइसेंसधारियों के एकाधिकार की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। केंद्र ने यह जवाब शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर की ओर से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से पूछे गए सवाल के बाद दिया। हरसिमरत ने पूछा था कि जब साल 2017 से 2020 के बीच कानून बनाने को लेकर राय-विमर्श चल रहा था तो क्या तब पंजाब ने इस कानून को लेकर अपनी सहमति दी थी। इसके जवाब में तोमर ने बताया कि समिति में शामिल 10 राज्यों के मंत्रियों ने यह माना था कि एपीएमसी या कॉर्पोरेट लाइसेंसधारियों के एकाधिकार को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि मई 2020 में राज्य सरकारों से भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विचार-विमर्श किया गया था। उन्होंने कहा कि पंजाब सहित कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों ने इस मीटिंग में हिस्सा लिया था।