अखिलेश बोले: स्वतंत्रता आंदोलन में किसान-मजदूर-नौजवानों का अधिक योगदान

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में किसान-मजदूर-नौजवानों का सबसे अधिक योगदान रहा है। लौह पुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल द्वारा छेड़े गये खेड़ा के किसान आंदोलन, बारदोली के किसान आंदोलन, चम्पारन का किसान आंदोलन, नुनारा फतेहपुर सहित किसानों द्वारा छेड़ा गया लगान विरोधी आंदोलन तथा रायबरेली में 1921 में किसानों के बलिदान जैसे अनेको उदाहरण है जिसमें भारत की आजादी के लिए किसानों द्वारा किये गये संघर्ष एवं बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता है। देश में सबसे ज्यादा परिश्रमी, ईमानदार, हमारे किसान-मजदूर-बुनकर भाई हैं लेकिन मौजूदा भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा किसान-मजदूर, बुनकर, कुटीर उद्योग का धंधे करने वाले किसानों का शोषण-उत्पीडऩ किया जा रहा है। लगातार बढ़ती मंहगाई से किसान-मजदूर-नौजवान, बुनकर सबसे ज्यादा गरीब हो गयें है। आर्थिक तंगी के कारण लोग आत्महत्या करने को मजबूर हैं। देश की 75 वर्ष की आजादी में भाजपा-कांग्रेस की कुनीतियों के कारण किसान-मजदूर भुखमरी के कगार पर पहुंच गये हैं। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल का कहना है कि किसान-मजदूर-बुनकर-नौजवानों का कल्याण समाजवादी विचारधारा में ही संभव है। समाजवादी आंदोलन के भविष्य अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्वकाल में किसान, मजदूर, बुनकर, नौजवान, छात्र, महिला, दलित-पिछड़े, अल्पसंख्यक भाइयों-बहनों के लिये विशेष योजनाओं को लागू कर उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का कार्य किया गया। अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी सरकार बनने पर ही स्वतंत्रता आंदोलन के सामाजिक सद्भाव के मूल्य एवं लोकतांत्रिक समाजवादी व्यवस्था मजबूत होगी।