तालिबान के साथ पींगे बढ़ाने में लगा ड्रैगन

डेस्क। चीन ने पहली बार तालिबान के साथ काबुल में कूटनीतिक संपर्क स्थापित किया है। बुधवार को एक चीनी अधिकारी ने बताया कि यह बातचीत काफी प्रभावशाली रही। यहां आपको बता दें कि तालिबान ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। इससे दो हफ्ते पहले ही यूएस ने ऐलान किया था कि वो अपने सैनिकों को अफगानिस्तान से वापस बुलाएगा। जिसके बाद तालिबान ने बंदूक की नोक पर अफगानिस्तान पर कब्जा किया था। काबुल में तालिबान के उप प्रमुख अब्दुल सलाम हनाफी और चीनी राजदूत वांग यू के बीच बातचीत हुई है। इस बातचीत के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने मीडिया से कहा कि चीन और अफगान तालिबान के बीच बेरोक-टोक एक मजबूत कम्यूनिकेशन हुआ है। हम अफगानिस्तान को मदद जारी रखेंगे। हालांकि, इस बातचीत के बारे में विस्तृत खुलासा किये बिना वांग ने कहा कि ‘निश्चित तौर से काबुल हमारे लिए एक अहम प्लेटफॉर्म और चैनल है जिससे हम अहम मुद्दे पर बातचीत करते हैं।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘चीन, अफगानिस्तान के लोगों के स्वतंत्र फैसले का स्वागत करता है। यह फैसला उनलोगों ने अपने भविष्य और किस्मत को लेकर किया है। हम अफगान के सिद्धांतों को सपोर्ट करते हैं और वहां विकास तथा पड़ोसी से एक अच्छा संबंध स्थापित करने के लिए हमेशा खड़े हैं। हम वहां शांति और देश के पुनर्निमाण में अहम रोल अदा करते हैं।’