अनिल बेदाग़,मुंबई। पूनम के बारे में कम ही लोग जानते हैं कि वह एक किताबी कीड़ा है और लॉकडाउन अवधि के दौरान किताबें पढऩे में उसका आनंद लेती है। लॉकडाउन लागू होने के साथ, उन्हें साहित्य की दुनिया में गोता लगाने का समय मिल रहा है। सभी विधाओं के बीच, वह विशेष रूप से आत्मकथाएँ पढऩे का आनंद लेती हैं “वे बहुत व्यावहारिक और प्रेरणादायक हैं” वह कहती हैं, “मुझे ऑनलाइन पढऩे से ज्यादा किताबें पढऩे में मजा आता है। मुझे लगता है कि युवा पीढ़ी न पढक़र बहुत कुछ खो रही है। मैं एक सप्ताह में लगभग तीन किताबें पढ़तीहूँ। पूनम कहती हैं, “पढऩा आपको अपनी कल्पना को उजागर करने में मदद करता है और आप एक किताब के माध्यम से पूरी दुनिया की यात्रा कर सकते हैं। यह केवल पढऩा।” ही नहीं है जो उसे खुश रखता है।” पूनम को पेंटिंग और फिल्में देखने का भी शौक है। वह कहती हैं, “कोई भी रविवार फिल्म के बिना पूरा नहीं होता है और न सिर्फ बॉलीवुड हो या हॉलीवुड, मुझे विश्व सिनेमा से प्यार है।”
मुझे ऑनलाइन पढऩे से ज्यादा किताबें पढऩे में मजा आता है:पूनम पांडे
