11वीं सदी के आक्रांता सालार मसूद की मजार मेले पर रोक,बैरिकेडिंग के साथ 10 जिलों की पुलिस लगी, हाईकोर्ट में आज सुनवाई

लखनऊ मई। 11वीं सदी के आक्रांता सैय्यद सालार मसूद गाजी की नेपाल से सटे जिले बहराइच में मौजूद मजार पर प्रशासन ने इस साल जेष्ठ मेला लगाने की अनुमति नही दी है। मजार पर लगने वाले मेले पर रोक को दरगाह प्रबंध समिति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी है। जिसकी सुनवाई 14 मई को होनी है।
मजार पर आने वालों को रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई है। आसपास के 10 जिलों से 500 पुलिस फोर्स अतिरिक्त मंगाई गई है। जिन जिलों से लोग यहां गाजी की बारात लेकर आते हैं, उन जिलों के अधिकारियों को वहीं पर रोकने के निर्देश दिए गए है। लोगों को रोकने के लिए जगह-जगह बैरिकेडिंग लगा दी गई है। मेला प्रबंध समिति के लोगों का कहना है कि एक महीने चलने वाले मेले में पांच लाख से अधिक हिंदू-मुस्लिम शामिल होते है। जिनमें ज्यादा आबादी हिन्दुओं की होती है। एक महीने चलने वाले मेले के जरिये प्रबंधन कमेटी को करोड़ों की आय होती है।
बहराइच की सिटी मजिस्ट्रेट शालिनी प्रभाकर ने बताया कि मेला प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष बकाउल्ला ने डीएम की अध्यक्षता में वार्षिक जेठ मेला कराने को लेकर बैठक के लिए पत्र दिया था। इस प्रार्थना पत्र पर अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई। अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में कानून व्यवस्था व विभिन्न कारणों का हवाला देकर मेले न आयोजित करने की सिफारिश की। जिसके बाद जिला प्रशासन ने दरगाह मेला प्रबंध समिति को मेले पर रोक लगाने की जानकारी दी है।
20 मार्च को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बहराइच के एक कार्यक्रम में सालार मसूद को विदेशी आक्रांता बताकर कहा था कि ऐसे आक्रांता का महिमामंडन नही होना चाहिए। कई हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन कर मेले पर रोक की मांग की थी। मेले को प्रतिबंधित करने की मांग सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने योगी सरकार से की है। पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर, योगी सरकार में मंत्री भी है। सालार मसूद को बहराइच के तत्कालीन शासक सुहेलदेव ने युद्ध में हराया था। जिसमें सालार मसूद भी मारा गया था। सालार मसूद को कब सूफी संत घोषित कर मेले का आयोजन शुरू किया गया, इसकी साफ जानकारी नही है। सपा के पूर्व मंत्री यासार शाह का दावा है कि मेला 800 साल से लग रहा है।
ध्यान रहे उप्र के आधा दर्जन से अधिक जिलांे में सालार मसूद गाजी की मजार है। जिन पर सालाना मेले लगते है। संभल में सालार मसूद गाजी की मजार पर हर साल लगने वाले नेजा (भाला) मेले को अनुमति नही दी गई थी।
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