महाराष्ट्र सरकार:चार प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण लेने का विचार

maharashtra bhawanमुंबई। महाराष्ट्र सरकार तीन लाख करोड़़ रुपए ऋण के बोझ से दबी है और अब वह विकास कार्य के लिए विदेश से चार प्रतिशत की दर पर ब्याज लेने पर विचार कर रही है। यह बात वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कही। राज्य का ऋण मार्च 2015 में बढ़कर 3.18 लाख करोड़़ रुपए हो गया जो मार्च 2005 में 1.24 लाख करोड़़ रुपए था। राज्य सरकार को 2015 में कर्मचारियों को वेतन के तौर पर 65,000 करोड़़ रुपए अदा करने होता है जो 2005 में 19,000 करोड़़ रुपए था। ऋण के कारण महाराष्ट्र देश का सबसे अधिक ब्याज अदा करने वाला राज्य बन गया है जिस पर देय ब्याज 2015 में बढ़कर करीब 27,000 करोड़़ रुपए हो गया जो 2005 में 10,000 करोड़़ रुपए था। मुनगंटीवार ने कहा कि हम चार प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण लेने पर विचार कर रहे हैं। चीन, जापान और सिंगापुर जैसे देश हमें कम ब्याज दर पर ऋण देने के लिए तैयार हैं लेकिन हम अपनी मुद्रा में भुगतान करना चाहते हैं न कि उनकी मुद्रा में। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले में सिंगापुर सरकार के साथ चर्चा की है लेकिन अंतिम फैसला अभी करना बाकी है। उन्होंने कहा यदि हमें सालाना चार प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण मिलता है तो हम अगले चार साल में करीब 30,000-35,000 करोड़़ रुपए बचा सकेंगे जिसका उपयोग बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने 12 प्रतिशत ब्याज दर पर करीब 45,000 करोड़़ रुपए का ऋण लिया। भारतीय जीवन बीमा निगम आठ प्रतिशत पर 35,000 करोड़़ रुपए देने के लिए तैयार है। यदि हम इससे सहमत होते हैं तो हम चार प्रतिशत ब्याज बचा सकेंगे जो साल करीब 1,800 करोड़़ रुपए बैठता है। उन्होंने आगाह किया कि सरकार को राजस्व बढ़ाने और व्यय घटाने की जरूरत है नहीं तो वित्तीय स्थिति और खराब होगी।