पुरस्कार लौटाने वालों में शामिल हुईं अरुंधति रॉय

arundhati royनई दिल्ली। पुरस्कार लौटाने वालों की लिस्ट में एक और नाम शामिल हो गया है। साहित्यकार अरुंधति रॉय ने बेस्ट स्क्रीन प्ले के राष्ट्रीय पुरस्कार को लौटा दिया है। उन्होंने कहा कि असहिष्णुता के खिलाफ राजनीतिक आंदोलन में जुडऩे में वो फक्र महसूस करती हैं। बीफ बैन, अल्पसंख्यकों पर हमले और साहित्यकारों की आवाज को दबाने की कोशिश हो रही है,जो कि बेहद शर्मनाक है। भाजपा और संघ के नेताओं के बयानों से अल्पसंख्यक समाज में खौफ फैल रहा है जिसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है। रॉय ने कहा कि उन्हें खुशी है कि वो राष्ट्रीय पुरस्कार लौटा कर साहित्यकारों, शिक्षाविदों के साथ जुड़ गई हैं, जो मौजूदा सरकार की चुप्पी का खुला विरोध कर रहे हैं। साहित्यकारों का विरोध ऐतिहासिक और अभूतपूर्व है। पुरस्कार लौटाने को लोग राजनीति से प्रेरित मान सकते हैं लेकिन उनको अपने आप पर फक्र है। अरुंधति ने कहा कि उन्होंने 2005 में साहित्य अकादमी पुरस्कार को लौटा दिया था जब कांग्रेस सत्ता में थी। 1989 में इन ह्विच एनी गिव्स इट दोज वन्स के लिए बेस्ट स्क्रीनप्ले का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था।