सेहतमंद रहने के लिए जरूरी है ब्लड डोनेशन

healthहेल्थ डेस्क। अक्सर लोगों में यह भ्रम होता है कि ब्लड डोनेट करने के बाद शरीर में कमजोरी आ जाती है। लेकिन यह सच नहीं है। दरअसल, एक हेल्दी आदमी हर तीन महीने बाद ब्लड डोनेट कर सकता है। ब्लड डोनेशन से जितना किसी जरूरतमंद को फायदा मिलता है, उतना ही डोनेट करने वाले को भी। सिर्फ एक आदमी के ब्लड डोनेशन से लगभग तीन लोगों की जान बचाई जा सकती है। यह गलतफहमी काफी लोगों को है कि ब्लड डोनेट करने से कमजोरी आती है, पर सच तो यह है कि इससे बॉडी में नए ब्लड सेल्स बनते हैं जो ब्लड डोनेट करने वाले को हेल्दी रखते हैं।
बर्न की जा सकती हैं कैलरी
सिर्फ एक बार के ब्लड डोनेशन से ही लगभग 650 किलो कैलरी बर्न की जा सकती है। जो वजन कंट्रोल करने में मददगार होता है। इसलिए हर 3 महीने में ब्लड डोनेट करते रहना चाहिए लेकिन इससे पहले हेल्थ चेकअप जरूरी है।
हेल्थ के लिए जरूरी
ब्लड डोनेट करने से शरीर में नया खून बनता है जो सेहत से जुड़ी कई सारी समस्याओं को कोसों दूर रखता है। ब्लड डोनेशन कॉर्डियोवैस्कुलर हेल्थ को भी बनाए रखता है। डोनेशन के दौरान ब्लड प्रेशर, बॉडी टेम्परेचर, हीमोग्लोबिन जैसे चेकअप किए जाते हैं।
हार्ट प्रॉब्लम्स रहेंगी दूर
हर तीन महीने में ब्लड डोनेट करते रहने से बॉडी में आयरन का लेवल बना रहता है। वैसे आयरन बॉडी की सही फंक्शनिंग के लिए बहुत ही जरूरी होता है लेकिन बॉडी में इसकी अधिक मात्रा ऑक्सीडेटिव डैमेजिंग का कारण भी बन सकती है।
मिलती है आत्मसंतुष्टि
ब्लड डोनेशन के बाद खुद में एक अच्छी सी आत्म संतुष्टि होती है। अहसास होता है कि आपने एक अच्छा काम किया है, किसी की जिंदगी बचाई है। मरीज की जरूरत के अनुसार, ब्लड को कई हिस्सों में बांटा जाता है।