जानिये राम भक्त हनुमान के पांच प्रचीन मंदिर

hanuman-5
फीचर डेस्क। श्रीराम भक्त हनुमान ही एक ऐसे भगवान हैं जिनकी पूजा सबसे अधिक की जाती है। यही वजह है कि सम्पूर्ण भारत में हनुमान के कई प्रचीन और चमत्कारी मंदिर स्थित हैं। इनमें से हर मंदिर की अपनी अलग विशेषता हैं तो आइए जानते है कुछ मंदिरों के बारे में। यूपी के इलाहबाद किले से लगता हुआ यह मंदिर लेटे हुए हनुमान जी की प्रतिमा वाला एक प्राचीन मंदिर है। यह पूरे देश का एकमात्र मंदिर है जिसमें हनुमान जी लेटी हुई प्रतिमा हैं। राजस्थान में हनुमान जी का यह मंदिर राजस्थान के चूरू जिले में है। गांव का नाम सालासर है, इसलिए सालासर वाले बालाजी के नाम से यह मंदिर प्रसिद्ध है। हनुमान जी की यह प्रतिमा दाड़ी व मूंछ से सुशोभित है। यहां हर साल चैत्र एवं वैशाख की पूर्णिमा के दिन विशाल मेला लगता है। गुजरात के बोटाद जंक्शन से सारंगपुर लगभग 12 मील दूर है। यहां एक प्रसिद्ध मारुति प्रतिमा है। महायोगिराज गोपालानंद स्वामी ने इस शिला मूर्ति की प्रतिष्ठा 1905 में की थी। कहा जाता है कि प्रतिष्ठा के समय मूर्ति में श्री हनुमान जी का आवेश हुआ और यह हिलने लगी। तभी से इस मंदिर को कष्टभंजन हनुमान मंदिर कहा जाने लगा है। भारत की धार्मिक नगरी उज्जैन से केवल 30 किमी दूर स्थित है भगवान हनुमान का यह भव्य मंदिर। यहां उनकी उल्टे रूप में पूजा की जाती है। यह मंदिर सांवेर नामक स्थान पर है। मंदिर में भगवान हनुमान की उल्टे मुख वाली सिंदूर से सजी मूर्ति विराजमान है। तमिलनाडु के कुम्बकोनम नामक स्थान पर श्री पंचमुखी आंजनेयर स्वामी जी का बेहद ही सुंदर मठ है। यहां पर श्री हनुमान जी की पंचमुख रूप में मूर्ति स्थापित है। यहां की प्रचलित कथाओं के अनुसार जब अहिरावण तथा उसके भाई महिरावण ने श्री राम को लक्ष्मण सहित अगवा कर लिया था, तब प्रभु श्री राम को पानेे के लिए हनुमान जी ने पंचमुख रूप धारण कर इसी स्थान से अपनी खोज प्रारम्भ की थी।